नई दिल्ली. पशुपालन करने वाले पशुपालकों की अक्सर ये समस्या होती है कि वह कैसे इस बात का पता करें कि उनका पशु गाभिन हुआ है या नहीं. नेचुरल तरीके से या एआई के तरीके से पशु गाभिन होने पर किस तरह का संकेत देता है, इसकी जानकारी पशुपालकों को अक्सर नहीं होती है. इस वजह से वह पशुपालक इस बात को समझ ही नहीं पाते की पशु गाभिन हुआ है या नहीं. इसके चलते जरूरी एहतियाती कदम भी नहीं उठा पाते हैं. ऐसे यह जानना बेहद जरूरी है कि पशु जब गाभिन होता है तो किस तरह के संकेत नजर आते हैं.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन में ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए सबसे अहम काम यह है कि पशुपालन की बेसिक ट्रेनिंग जरूर ले लीजिए. अगर इस तरह की ट्रेनिंग पशुपालक लेलेंगे तो उन्हें एआई गाभिन होने जैसी तमाम तरह की जानकारी का पता करने के लिए किसी भी एक्सपर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. वह खुद भी इस चीज का पता लगा सकेंगे. वहीं ट्रेनिंग के जरिए पशुपालन में पशुओं की जरूरत का ध्यान रखकर उनकी देखभाल भी कर पाएंगे.
कब डिसचार्ज हुआ है ये जरूर देखें
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक पशुपालक को ये देखना चाहिए कि एआई बाद उनका पशु डिस्चार्ज कर रहा है या नहीं. पशु अगर गाय है तो सबसे पहले यह देखना होता है कि एआई के 24 घंटे के अंदर डिस्चार्ज कर रही है या उसके बाद. अगर 24 घंटे के अंदर—अंदर डिस्चार्ज किया है तो या वह गाढ़ा है या पतला है तो उसके गाभिन होने की संभावना बहुत ही कम मानी जाती हैं. कुछ मामलों में गाय गाभिन हो भी जाती है लेकिन इसका चांस बहुत कम होता है. दूसरी बात यह है कि अगर एआई के बाद गाय ट्रांसपेरेंट डिस्चार्ज कर रही है तो इसका मतलब यह है कि गाय गाभिन नहीं हुई है. इस वजह से एक बार फिर से कंसीव कराने के लिए नेचुरल या एआई के तरीके का इस्तेमाल करना पड़ेगा.
ये लक्षण दिखाई दे तो गाभिन हो जाती है गाय
अगर 24 घंटे तक गाय ने कोई डिस्चार्ज नहीं दिया तो और 24 घंटे के बाद डिस्चार्ज दिया तो उसे भी देखना जरूरी होता है. वह डिस्चार्ज पारदर्शी तो नहीं है, यदि ऐसा है तो गर्भ ठहरने की संभावना कम है, लेकिन अगर वह डिस्चार्ज गाढ़ा है तो गभिन होने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है. हालांकि इससे भी पूरी तरह से पता लगाना आसान नहीं है. इसमें उसकी ओवरऑल स्थिति देखना होता है. पशु के वजन को देखना होता है. उसके व्यवहार को देखना होता है. यह देखना होता है कि 21 दिन में क्या फिर हीट में आई है या नहीं. फिर 2 महीने या ढाई महीने पर इसकी जांच करवानी पड़ती है, तब जाकर पता चलता है कि गाय गाभिन है कि नहीं.
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