नई दिल्ली. जब पशु बछड़े या फिर बछड़े को जन्म देता है तो उसकी देखभाल करना बेहद ही जरूरी होता है. उनको किसी भी चीज की कमी नहीं होने देना चाहिए. खासतौर पर उन्हें उनकी मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए, जो उनकी तमाम जरूरतों को पूरा करता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मां का दूध जिंदगी भर एनर्जी और और इम्यूनिटी देता है. इससे उन्हें बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है. हालांकि इसका भी सही तरीका है कि कितनी मात्रा में और किस तरह से पशु के बच्चे को दूध पिलाया जाए.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि बहुत से किसान यह करते हैं कि पशु के बच्चों को दो से 3 महीने के बाद भी सिर्फ दूध ही पिलाते हैं जो कतई सही तरीका नहीं है. क्योंकि इससे बछड़े या बछड़ी का डाइजेशन सिस्टम प्रभावित हो सकता है. इसलिए ये समझने की जरूरत है कि उन्हें कब तक दूध पिलाने की जरूरत है.
जानें बहुत दिनों तक क्यों नहीं पिलाना चाहिए मां का दूध
गौरतलब है कि जितने रोमंथी जानवर होते हैं, उनके कई पेट होते हैं. इसी में से एक रूमन होता है जो रूमन, जुगाली करने वाले जानवरों के पेट का एक हिस्सा होता है. यही रूमन जानवरों के लिए वरदान है. जानवर जो भी खाते हैं, उन्हें सही तरीके से पचाने और सही तरीके से उनके शरीर में लगने का काम रूमन केे जरिए होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर रूमन सही तरह से डेवलप नहीं होता है तो बछड़े या बछड़ी को आगे चलकर परेशानी हो सकती है. क्योंकि उसे बहुत ज्यादा दिन तक दूध पिलाया नहीं जा सकता है. उसे आगे चलकर अनाज भी देना होता है. लगातार दूध पिलाने से रूमन का डेवलपमेंट नहीं होता है.
इतने दिनों के बाद दें दाना मिश्रण और सूखा चारा
जब भी बछड़े या बछड़ी जन्म लेते हैं तो उस समय रूमन का विकास सिर्फ और सिर्फ 15 फीसदी के आसपास होता है. इस वजह से इसका ज्यादा रोल भी नहीं होता है. वहीं लगातार दो-तीन महीने बाद तक भी बच्चे को दूध पिलाते रहें तो उसके रुमन का विकास सही नहीं होगा. इसलिए जरूरी है कि जब बच्चा 15 दिन हो जाए तो उसे थोड़ा-थोड़ा दाना मिश्रण भी देते रहें. अगर वह कभी-कभी सूखे चारे में मुंह दे रहा है तो तो आप 10 से 15 दिन के बाद सूखा चारा भी दे सकते हैं. जब तक 2 महीने का न हो जाए उसे हरा चारा किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहिए. सूखा चारा दे सकते हैं.
इस वक्त तक छुड़ा दें दूध
दाना मिश्रण रूमन के विकास में मदद करता है. जबकि सूखा चारा रूमन के असली विकास में काम आता है. इसलिए सूखे चारे की अहमियत ज्यादा है. जब बछड़ा 3 महीने का हो जाए तो आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. 3 से 6 महीने तक दूध पूरी तरह से छुड़ा देना चाहिए. अगर किसी भी बछड़े या फिर बछड़ी को 6 महीने बाद भी दूध पिलाया जाता है तो उसे बेहद परेशानी हो सकती है. क्योंकि इससे रूमन का विकास नहीं हो पाएगा.
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