नई दिल्ली. पशुपालन में बीमारी पशुपालन के फायदे को कम कर रही है. इससे दूध उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है. हालांकि भारत में पशुओं के इलाज को लेकर काफी काम हो रहा है. यहां पशुओं की हर गंभीर बीमारी का इलाज किया जा रहा है. मसलन, दिल की बीमारी का भी इलाज यहां हो रहा है. न सिर्फ इलाज हो रहा है बल्कि भारतीय दूसरे देशों के लोगों को भी इलाज सिखा रहे हैं. गौरतलब है कि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में इकोकार्डियोग्राफी और डॉप्लर अल्ट्रासोनोग्राफी पर 6 दिवसीय अन्तराष्ट्रीय रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया जा रहा है.
इस कोर्स में श्रीलंका, नेपाल, कतर, तथा देश के आसाम, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, उत्तराखंड वहीं उत्तर प्रदेश से आए 13 पशु चिकित्सकों तथा यूनिवर्सिटी के टीचरों ने भाग लिया. इन सभी को दिल की बीमारी के इलाज के बारे में बताया जा रहा है. यह पाठ्यक्रम “पशुओं में निदान इमेजिंग और शल्य चिकित्सा स्थितियों के प्रबंधन पर अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजना” (डिमस्का) के तहत चलाया जा रहा है.
दिल की बीमारी की हो सकेगी जांच
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए संस्थान के ज्वाइंट डायरेक्टर रिसर्च डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि इकोकार्डियोग्राफी और डॉप्लर तथा अल्ट्रासोनोग्राफी पशुओं में नयी डायग्नोसिस तकनीक है. जिसके इस्तेमाल से पशुओं में होने वाली दिल की बीमारी कि जांच की जा सकेगी. वहीं इसके निदान में मदद मिलेगी. साथ ही साथ अन्य रोगों के निदान में अल्ट्रासाउंड द्वारा रोगो का पता लगाने की तकनीक को सिखाया जाएगा. डॉ. सिंह ने आगे बताया कि आज के समय में अल्ट्रासोनोग्राफी बहमूल्य उपकरण साबित हो रहा है, जिसके उपयोग से दिल की बीमारियों का पूर्व निदान में सहायता मिलेगी तथा इस छोटे उपकरण की सहायता से दूर दराज के इलाकों में भी सफलतापूर्वक जटिल बीमारियों का निदान किया जा सकता है.
इन चीजों की दी जाएगी जानकारी
कोर्स के डायरेक्टर और अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजना” (डिमस्का) परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ अमरपाल ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग डॉप्लर अल्ट्रासाउंड के मूलभूत भौतिक सिद्धांत, स्कैनर कंट्रोल, विभिन्न मॉड्स जैसे कलर, स्पेक्ट्रल, पॉवर, कंटीन्यूअस वेव, और टिश्यू डॉप्लर अल्ट्रासोनोग्राफी, इकोकार्डियोग्राफी की फोटो लेने और उनकी डिटेल, दिल की बनावट का एनालिसिस और तमाम दिल के रोगों में होने वाले परिवर्तनों के रिसर्च पर दी जा रही है. इसके अलावा प्रतिभागियों को पशु चिकित्सा के क्षेत्र में नई जानकारियों से भी अवगत कराया जाएगा. कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभिषेक सक्सेना द्वारा किया गया. इस अवसर पर डॉ अभिजीत पावड़े, डॉ संजीव महरोत्रा, डॉ रोहित कुमार तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे.
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