नई दिल्ली. जब कोई भी काम किया जाता है तो उस काम में मुनाफा कमाए बिना उसे आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है. पोल्ट्री सेक्टर भले ही 8 फीसदी की ग्रोथ रेट से बढ़ने वाला सेक्टर है, पर कुछ काम और किया जाए तो यह सेक्टर और तेजी के साथ बढ़ सकता है. जिससे पोल्ट्री कारोबार से जुड़े लोगों को सीधे तौर पर फायदा होगा. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के ज्वाइंट सेक्रेटरी रिकी थापर का कहना है कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर और कोल्ड चेन का विकास कर लिया जाए तो इससे सेक्टर को काफी फायदा पहुंचेगा.
रिकी थापर ने पोल्ट्री सेक्टर को मजबूत करने और इसमें और ज्यादा फायदा के लिए इसे जुड़े एक नहीं कई चीजों के बारे में बताया है, जिससे 40 सेक्टर को बूस्ट मिलेगा इस के बारे में जानते हैं.
पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की बढ़ जाएगी लाइफ
रिकी थापर का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग सुविधाओं से चिकन मीट और अन्य पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की ताजगी ज्यादा वक्त तक बनी रह सकती है. इससे खराब होने वाले उत्पादों की बर्बादी कम होगी, जिससे नुकसान नहीं होगा. वहीं इससे इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के प्रोसेसिंग प्लांट और स्टोरेज फैसिलिटीज से फूड सेफ्टी और हाइजीन सुनिश्चित होगी. जबकि मीट और अंडों की क्वालिटी में भी इससे सुधार होगा, जिससे लोकल और एक्सपोर्ट मार्केट में डिमांड बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्ट और वेयरहाउसिंग सुविधाओं से मीट को दूर-दराज के इलाकों में भी ताजा और सुरक्षित भेजा जा सकेगा. पूरे सप्लाई चेन में एफिशिएंसी आएगी, जिससे लागत कम होगी.
एक्सपोर्ट बढ़ेगा, मिलेगा फायदा
उन्होंने इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स का पालन करने पर जोर दिया. इसकी वकालत करते हुए कहा कि अगर इसका पालन करते हैं तो भारत के पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की ग्लोबल मार्केट में डिमांड बढ़ेगी. एक्सपोर्ट के नए अवसर मिलेंगे, जिससे विदेशी मुद्रा अर्जित होगी. वहीं बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर और कोल्ड चेन डेवेलपमेंट से छोटे पोल्ट्री फार्मर्स को भी इससे फायदा मिलेगा. लोकल उत्पादन को प्रोसेसिंग यूनिट से जोड़ने से फेयर प्राइस मिलेगा और मार्केट एक्सपोजर बढ़ेगा. जबकि खाद्य सुरक्षा (Food Security) को बढ़ावा दिया जा सकता है. मीट और अंडों की सप्लाई स्टेबल होगी, जिससे प्रोटीन रिच फूड्स की निरंतर उपलब्धता बनी रहेगी. पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस कम होने से देश में फूड वेस्टेज घटेगा.
किसानों को भी मिलेगा फायदा
उन्होंने कहा कि निवेश (Investment) और रोजगार में वृद्धि होगी. कोल्ड चेन और इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े इन्वेस्टमेंट से नए स्टार्टअप्स और बिजनेस के अवसर बढ़ेंगे. सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. पोल्ट्री फार्मिंग और प्रोसेसिंग के विकास से मक्का (maize), सोयाबीन और अन्य फीड ग्रेन की मांग बढ़ेगी, जिससे किसानों को भी फायदा होगा. सरकार के सहयोग से जीएम (Genetically Modified) फीड के आयात और उत्पादन में मदद मिलेगी.
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