नई दिल्ली। मौसम विभाग ने इस बार अत्यधिक गर्मी की भविष्यवाणी की है. देश के कई शहरों में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. देश के कुछ हिस्सों जैसे, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में भीषण गर्मी पड़ती है. वहीं उत्तर भारत में भी गर्मी का व्यापक असर देखने को मिलता है. इस मौसम में पशुओं की सेहत ठीक रखना चुनौती भरा होता है. कुछ शुरुआती लक्षणों से पशुओं की बीमारी का पहले से पता लगाया जा सकता है और उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ही ठीक किया जा सकता है.
गर्मी का मौसम मार्च के आखिरी सप्ताह से शुरू होने लगता है. तेज धूप और गर्म हवाओं से पशु बीमार हो सकते हैं. कुछ लक्षण ऐसे हैं, जिनके जरिए किसान भाई अपने पशु का समय पर इलाज करा सकते हैं. पशु इस स्थिति में हांफता है या तेजी से सांस लेता है, इसके विपरीत लार गिरने जैसे लक्षण भी हो सकते है. पैरों का लड़खड़ाना और कमजोरी होती है. भूख की कमी से पशु कम खाता है. तीव्र ज्वर है (102.5 °F से अधिक). त्वचा सुखी दिखाई पड़ती है. हार्ट रेट बढ़ जाती है. इसमे शरीर का तापमान बढ़ता है.
पशुओं में निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) के लक्षण डिहाइड्रेशन का प्रभाव आम तौर पर कमजोर और बीमार पशुओं में अधिक देखा जाता है. पशुओं में निर्जलीकरण के प्रमुख लक्षण कुछ इस प्रकार
ऐसी स्थिति में आखें धसी हुई दिखती है. पशु के पेशाब का रंग पीला प्रतीत होता है. पशु का व्यवहार सुस्त रहता है और त्वचा रूखी होती है. शरीर में तरल की कमी होने की वजह से, त्वचा को उंगलियों से खींच कर पकड़ने से वह तुरंत सामान्य नहीं होती तथा कुछ पल के लिए त्वचा की सतह उठी हुई रहती है (tenting of skin). शरीर के विकार भलिभांति बाहर नहीं निकल पाते है. पाचन शक्ति ठीक नहीं होने के करण गोबर सूखा होता है. गंभीर स्थिति में कब्ज के लक्षण होते हैं.
यह समस्या उन इलाकों में ज्यादा देखने को मिलती हैं, जहां नमी और तापमान दोनों अधिक होते है. 15 से 20 प्रतिशत से ज्यादा डिहाइड्रेशन पशुओं के लिए जानलेवा हो सकता है और पशु बेहोश हो सकता है, तुरंत इलाज ना मिलने पर पशु मर भी सकता है.
डिहाइड्रेशन से पशुओं को कैसे बचाएं पशुओं को छायादार एवं हवादार स्थान पर बांधें. पशुओं को पीने का ठंडा पानी हमेशा उपलब्ध कराएं. 10 लीटर पानी में 100 ग्राम नमक मिलाकर पिलाएं. पशुओं के लिए पंखे या कूलर की व्यवस्था करें. पशुओं को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएं. साधारण डिहाइड्रेशन से पीड़ित पशुओं के पानी में इलेक्ट्रोलाइट मिलाकर दिन में तीन बार पिलाएं. इलेक्ट्रोलाइट का घोल घर पर ही 20 लीटर पानी में 140 ग्राम नमक, 25 ग्राम पोटैशियम क्लोराइड और 10 ग्राम कैल्शियम क्लोराइड मिलाकर बनाया जा सकता है. डिहाइड्रेशन से प्रभावित पशु को दिन में 60-70 लीटर इलेक्ट्रोलाइट घोल 3 से 4 बार में देना चाहिए. गंभीर डिहाइड्रेशन के हालात में निकटतम पशु चिकित्सक से परामर्श करें, या पशु चिकित्सालय, वेटरनरी कॉलेज से संपर्क करें.
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