नई दिल्ली. जिस तरह से इंसानों को पानी की जरूरत है. ठीक उसी तरह से पशु-पक्षियों को भी पानी चाहिए होता है. ये देखा गया है कि गर्मी के दिनों में बहुत से पशु-पक्षी पानी के अभाव में प्यास की वजह से दम तोड़ देते हैं. खासतौर पर पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती है. जिसको लेकर कई एनजीओ और अन्य संगठन अवेयरनेस कैंपेन चलाते हैं लेकिन जरूरत इस बात है कि पशु-पक्षियों के लिए भी पानी उपलब्ध कराया जाए. ताकि पशु-पक्षियों को जरूरत के मुताबिक पानी उपलब्ध हो जाए और पानी की कमी की वजह से वो प्यासे न रह जाएं.
एक कहावत है कि “जल ही जीवन है” ये कहावत एक सच है. पानी जीवित कोशिका के जीवन का भौतिक आधार है, जिसका अधिकांश भाग लगभग (70 फीसद) पानी से बना होता है. बेतरतीब बढ़ती जनसंख्या एवं मानव बस्तियों के कारण वन-पर्यावरण असंतुलन तीव्र गति से बढ़ता जा रहा है. इसके नतीजे में अनावृष्टि, सूखते जलाशय एवं नदियों का गिरता जल स्तर विकट समस्या बनती जा रही है. जिससे पीने के पानी की समस्या हो रही है. इससे आम इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी परेशान हैं.
थोड़े से प्रयास से बुझ सकती है प्यास
गौरतलब है इस धरती पर पशु-पक्षियों का उतना ही हक है, जितना कि हम मनुष्यों का. गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है. मूक पशु-पक्षियों को, संचित एवं बहते जल स्रोतों की कमी के कारण, प्यास से तड़पना पड़ता है. गर्मी पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए. गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है. हमारा थोड़ा सा प्रयास घरों के आस-पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझा उसकी जिंदगी बचा सकता है. पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं. पशु चिकित्सा विज्ञान के अनुसार नमक और ऊर्जा पक्षियों के लिए जच है. इसकी पूर्ति खनिज लवण युक्त पानी से ही हो सकती है.
क्या करें उपाय, जानें यहां
- गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर, बालकनी में, परकोटों पर पानी के बर्तन भरकर रखें जिससे मवेशी व परिंदें पानी देखकर आकर्षित होते हैं और सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था भी करें.
- उपयोग में लाये गये नारियल डाभ पक्षियों को पानी परोसने एवं आश्रय प्रदान करने के लिए उपयुक्त हो सकता है जो कि बायो-वेस्ट प्रबंधन का उदाहरण भी है.
- पक्षियों के शरीर में इलेक्ट्रॉलाइट्स की मात्रा संतुलित रहे इसके लिए पानी में गुड़ की थोड़ी मात्रा मिलानी चाहिए.
- कम पानी वाले सार्वजनिक जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है.
Leave a comment