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Milk: दूध को गंदा होने से बचाने के लिए क्या करें उपाय, जानें यहां

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नई दिल्ली. देश दूध उत्पादन के मामले में दुनिया में नंबर वन है. देश में ज्यादातर दूध उत्पादन गांवों में या शहर की निजी डेयरियों में ही किया जाता है, जहां सफाई पर ध्यान न देने के कारण दूध में जीवाणुओं की संख्या बहुत अधिक होती है तथा दिखाई देने वाली गन्दगियां जो नहीं होनी चाहिए, जबकि वह भी मौजूद रहती हैं. इसके चलते दूध उत्पादन करने वाले पशुपालकों को दूध की अच्छी कीमत नहीं मिलती है. इससे उनका नुकसान होता है. इसलिए बेहद ही जरूरी है कि दूध उत्पादन करने में सफाई का खास ख्याल रखा जाए ताकि दूध में गंदगी न आ पाए.

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दूध उत्पादन के दौरान गंदगी के क्या कारण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है. क्योंकि साफ दूध का उत्पादन स्वास्थ्य एवं आर्थिक लाभ के लिए आवश्यक है. इसलिए दूध का उत्पादन करते समय कुछ बातों पर ध्यान देना बेहद ही जरूरी है.

किस वजह से होती है गंदगी
गाय के बच्चे को थन से दूध का पिलाना.

गांवों और शहरों में गन्दे स्थानों पर दूध निकालना.

गन्दे बर्तनों में दूध निकालना और रखना.

पशुओं को दुहने से पहले ठीक से सफाई न करना.

पशुओं को दुहने वाले के हाथ एवं कपड़े साफ न होना.

दूध दुहने वाले का बीमार होना.

दूध बेचने ले जाते समय पत्तियों, भूसे व कागज आदि से ढकना.

देश की जलवायु का गर्म होना.

गन्दे पदार्थों से दूध का अपमिश्रण करना.

सावधानियों के बारे में पढ़ें यहां
दूध देने वाला पशु पूर्ण स्वस्थ होना चाहिए. टीबी, थनैला इत्यादि बीमारियां नहीं होनी चाहिए. पशु की जाँच समय-समय पर पशु चिकित्सक से कराते रहना चाहिए.

दूध दुहने से पहले पशु के शरीर की अच्छी तरह सफाई कर लेना चाहिए. दूध दुहने से पहले पशु के शरीर पर खरैरा करके चिपका हुआ गोबर, धूल, कीचड़, घास आदि साफ कर लेना चाहिए.

खास तौर से पशु के शरीर के पीछे हिस्से, पेट, अयन, पूंछ व पेट के निचले हिस्से की विशेष सफाई करनी चाहिए.

दूध दुहने से पहले अयन की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए और थनों को किसी जीवाणु नाशक के घोल की भीगे हुए कपड़े से पोंछ लिया जाय तो ज्यादा अच्छा होगा.

यदि किसी थन से कोई बीमारी हो तो उससे दूध नहीं निकालना चाहिए.

दूध दुहने से पहले प्रत्येक थन की दो चार दूध की धारें जमीन पर गिरा देनी चाहिए या अलग बर्तन में इक्कठा करना चाहिए.

बांधने के स्थान से जुड़ी सावधनियां

पशु बांधने का व खड़े होने के स्थान पर्याप्त होना चाहिए.

फर्श यति सम्भव हो तो पक्का होना चाहिए. यदि पक्का नहीं हो नो कच्चा फर्श समतल हो, पेशाब व पानी निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए.

दूध दुहने से पहले पशु के चारों ओर सफाई कर देनी चाहिए. गोबर, पेशाब हटा देना चाहिए. यदि बिछावन बिछाया गया हो तो दूध दुहने से पहले उसे हटा देना चाहिए.

दूध निकालने वाली जगह की दीवारें, छत आदि साफ होनी चाहिए. उनकी चूने से पुताई करवा लेनी चाहिए तथा फर्श की फिनाइल से धुलाई दो घंटे पहले कर लेनी चाहिए.

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