नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नगर निगम के एक फरमान से पोल्ट्री फार्मर्स की चिताओं में इजाफा कर दिया है. दरअसल, नगर निगम की ओर से पशु परिवहन अधिनियम का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुर्गा-मुर्गियों को अब लोड करने के लिए ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल करना होगा, जिसमें तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता हो यानी गाड़ी एयर कंडीशनर वाली हो. ताकि तापमान को नियंत्रित कर अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक ही रखा जा सके. नगर निगम के पशु कल्याण विभाग की ओर से पशु परिवहन अधिनियम 1978 का हवाला देते हुए पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को नोटिस जारी करके इस बात से अवगत कराया जा रहा है.
बताते चलें कि ज्यादातर पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोग मुर्गे-मुर्गियों को साधारण गाड़ी पर ही लोड करते हैं, ऐसे में उनके सामने यह मुश्किल खड़ी हो गई है कि एसी वाली गाड़ी के इंतजाम कैसे करें. इससे लागत में भी इजाफा होगा.
अवैध है परिवहन
जबकि नगर निगम के पशु कल्याण विभाग की ओर से नोटिस में साफ कहा गया है कि गोरखपुर नगर निगम की सीमा के तहत अवैध रूप से बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के मुर्गा व मुर्गियों का परिवहन किया जा रहा है. अगर बिना वैध स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के परिवहन किया जा रहा है तो यह अवैध माना जाता है. जबकि 32 डिग्री सेल्सियस तापमान में मुर्गे-मुर्गियों का परिवहन किया जा रहा है, नियम के मुताबिक 25 डिग्री सेल्सियस से अगर तापमान ऊपर चला जाता है तो उनका परिवहन करना अवैध है.
कोर्ट में देना होगा जवाब
नगर निगम की ओर से कहा गया है कि मुर्गा-मुर्गियों को एक के ऊपर एक जाल में रख दिया जाता है. जाल के धरातल खुले हुए होते हैं. बर्ड को ऊपर सूरज की रोशनी सीधे तौर पर पड़ती है. साथ ही मानक से ज्यादा मुर्गे-मुर्गियों को रखा जाता है जो पशु क्रूरता अधिनियम 1990 का भी उल्लंघन है. इस संबंध में नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी ने साफ कहा है कि नियमावली का उल्लंघन करने पर मुर्गा-मुर्गी बेचने वाले दुकानदारों तथा भिजवाने वाले फर्म को नोटिस जारी किया गया है. सबको कोर्ट में जवाब देना होगा
कारोबार हो सकता है ठप
वहीं पक्षियों में बर्ड फ्लू समेत अन्य बीमारियों के मद्देनजर शहर में बिकने वाले मुर्गे-मुर्गियों की स्वास्थ्य संबंधित जांच को भी अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि शहर में इस तरह की कोई जांच व्यवस्था नहीं है. नगर निगम की ओर से खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा इस तरह की कोई जांच नहीं की जाती. इसके बावजूद गाड़ियों में मुर्गे—मुर्गियों को ले जाने वाले पोल्ट्री फार्म संचालकों को नगर निगम के पशु कल्याण विभाग की ओर से नोटिस दिया जा रहा है. जिसको लेकर कई पोल्ट्री फार्मर्स ने चिंता जताई है और कहा है कि इससे उनका कारोबार ठप हो सकता है. जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है. पोल्ट्री फार्मर्स ने बीच का रास्ता निकालने की भी मांग की है.
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