नई दिल्ली. बकरी पालन एक बेहतरीन काम है. इसे कम लागत में आसानी के साथ किया जा सकता है. बकरियों की अगर दूसरे पशुधन से तुलना की जाए तो बकरी पालन किसानों के लिए अधिक फायदेमंद है. अन्य पशुओं के मुकाबले बकरी पालन ज्यादा फायदा पहुंचा सकता है. जबकि इसके कई कारण भी हैं. जिसमें लागत, मैनेजमेंट और बाजार की तीन प्रमुख मांग शामिल है. शुरुआती निवेश की बात की जाए तो बकरियां खरीदने, रखने और खिलाने में सस्ती होती हैं, जिससे ये कम लागत वाला काम है. पशुधन की शुरुआती निवेश लागत बहुत अधिक होती है, क्योंकि इनके दाम, आवास की जरूरतें, और खिलाने की आवश्यकताएं अधिक होती हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि बकरियां की खुराक कम खाती हैं और इनका रखरखाव आसान है. जबकि गायें अधिक खाती हैं और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है. बकरियों का मैनेजमेंट आसान होता है. श्रम और प्रबंधन बकरियों को कम श्रम की आवश्यकता होती हैं, जबकि गायों को भोजन, स्वास्थ्य जांच, और प्रबंधन के लिए अधिक ध्यान की जरूरत होती है. बीमारी के प्रति जोखिम कम होता है. लेकिन शिकारी से सुरक्षा की जरूरत होती है. गायें अधिक बीमारियों की चपेट में आती हैं और उन्हें ज्यादा चिकित्सा ध्यान की आवश्यकता होती है.
बारिश के सीजन में ज्यादा दें ध्यान
अब बारिश का मौसम आ गया है. ऐसे में बकरियों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि बारिश के मौसम में बकरियों के बीमार होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. जिससे बकरियों को नुकसान होता है. इसलिए बकरी पालन के काम में इस बात का ध्यान रखें कि बारिश के मौसम में बकरियों को होने वाली परेशानियों से बचाया जाए. बारिश में शेड में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. क्योंकि शेड अगर गीला है तो इससे बकरियों को परेशानियां हो सकती हैं.
बारिश में बकरियों का फर्श ऐसे रखें सूखा
बारिश में बकरियां बीमार होने लग जाती हैं. बकरियों को बीमार होने से बचाना बेहद ही जरूरी है, नहीं तो फिर आपको नुकसान होगा. युवान गोट फार्म आगरा के संचालक डीके सिंह का कहना है कि बकरियों को अगर शेड में बांधा जाए तो शेड के फर्श को सूखा रखना चाहिए. क्योंकि नमी की वजह से बकरियों को कई बीमारियां हो सकती हैं और फिर इससे उनकी मौत भी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि उनके शेड का फर्श सूखा रखा जाए और इसके लिए शेड के फर्श पर चूना का छिड़काव करें.
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