Home डेयरी Fodder: मक्का से हरा और सूखा दोनों किस्म का हासिल होता है चारा, पढ़ें इससे जुड़ी हर एक डिटेल यहां
डेयरी

Fodder: मक्का से हरा और सूखा दोनों किस्म का हासिल होता है चारा, पढ़ें इससे जुड़ी हर एक डिटेल यहां

Maize crop, green fodder, green fodder for animals, fodder, fodder news
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. डेयरी पशुओं की अच्छी खुराक के लिए मक्का का चारा भी इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में मक्का चारा की बुआई भी करना पड़ती है. मक्का चारा की खेती हरा चारा और दाना दोनों के लिए की जा सकती है. इसका चारा मुलायम होता है और पशु इसे चाव से खाते हैं. यह एक जीविका चलाने वाला आहार है. इसमें फलीदार फसलों की खेती जैसे-लोबिया या ज्वार के साथ 2:1 के अनुपात में की जा सकती है. उन्नत किस्में की बात की जाए तो कई प्रजातियां चारे के काम में लाई जाती हैं. चारे के लिये मक्का की उन्नत प्रजातियों में किसान, अफ्रीकन टाल, जे 1006. गंगा-5, जवाहर, और विजय कम्पोजिट, मोती कम्पोजिट, तथा देसी किस्मों में टाइप-41 मुख्य किस्में हैं.

संकर मक्का के बीज में उत्पादित बीज चारे की बुआई में प्रयोग किये जा सकते हैं. इसकी बुआई जून या जुलाई में पहली बारिश होने पर करें.

बीज की मात्रा व बुआई की विधि
50 से 60 किलो ग्राम प्रति हेक्टर बीज शुद्ध फसल की बुआई के लिए काफी होता है. फलीदार चारे जैसे-लोबिया के साथ 3:1 के साथ मिलाकर बोना चाहिए.

बीजों की बुआई पंक्तियों में 30 सेंटी मीटर की दूरी पर करनी चाहिए.

उर्वरक के तौर संकर तथा संकुल किस्मों में 80 से 100 कि.ग्रा. तथा देसी किस्मों में 50-60 कि.ग्रा. नाइट्रोजन प्रति हैक्टर की दर से देना चाहिए.

फॉस्फोरस व पोटाश की भी आवश्यक मात्रा का प्रयोग करें तथा नाइट्रोजन की दो तिहाई मात्रा बुआई के समय तथा शेष एक तिहाई बुआई के 30 दिनों बाद खेत में डालनी चाहिए.

बारिश में बुआई करने पर सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है. बारिश न होने की स्थिति में सिंचाई की आवश्यकता होती है.

नर मंजरियों के निकलने की अवस्था में फसल चारे के लिए काटनी चाहिए. यह अवस्था बुआई के 65 से 75 दिनों बाद आती है. मक्का हरे चारे की औसत उपज 250-300 क्विंटल हैक्टर होती है.

निष्कर्ष
इस फसल को लगाने पर पशुओं के लिए हरा चारा और दाना दोनों हासिल किया जा सकता है. इसलिए ये फसल पशुपालन करने वाले किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है.
डेयरी

Dairy: दुधारू पशुओं के लिए लाोबिया और ज्वार की बुआई में किन बातों का रखें ध्यान, जानें यहां

खरीफ में बोई गई फसलों को सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती...