नई दिल्ली. मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में दूध उत्पादन को लेकर एक अहम कदम उठाया है. दरअसल, सरकार ने मांग की कमी के कारण बर्बाद होने वाले अधिशेष दूध को बेचने के लिए अमूल के साथ एक समझौते करने पर विचार कर रही है. कहा जा रहा है कि ऐसा होने से पशु पालकों को भी फायदा होगा और उन्हें दूध का वाजिब दाम मिल जाएगा. जबकि उनकी आय भी बढ़ेगी. पिछले दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अहमदाबाद में सांची (एमपी के सहकारी डेयरी महासंघ) और अमूल अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक को संबोधित किया था.
बढ़ जाता है दूध उत्पादन
इस संबंध में सांची के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार एस ने बताया कि दूध उत्पादकों को बेहतर दाम मिलें, इसके लिए दोनों के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है. आगे कहा कि इससे एक फायदा ये भी होगा कि सहकारी क्षेत्र भी मजबूत होगा. राज्य अपने दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए अधिशेष दूध अमूल को बेचने की योजना बना रहा है. सांची के अधिकारियों के अनुसार, मध्य प्रदेश के गांवों में ‘फ्लश सीज़न’ के दौरान अधिक दूध का उत्पादन किया जाता है. बताया कि (मुख्य रूप से अगस्त से जनवरी तक जब चारे और अन्य इनपुट की बेहतर उपलब्धता के कारण उत्पादन बढ़ जाता है).
एमपी में कितना होता है दूध उत्पादन
एमपी के पशुपालन मंत्री लाखन पटेल ने कहा कि जिस तरह अमूल गुजरात में सहकारी समितियों के माध्यम से काम करता है, उसी तरह मध्य प्रदेश भी ग्राम पंचायतों में सहकारी समितियों को बढ़ाएगा. 14 सितम्बर 2023 की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में 17 हजार 999 मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ. इतने दूध के उत्पादन के साथ मध्य प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर था. यहां ये भी बताते चलें कि मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 591 ग्राम (लगभग 1.3 पौंड) प्रतिदिन है. यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 444 ग्राम (लगभग 15.66 औंस) से 147 ग्राम (लगभग 5.19 औंस) अधिक है.
लगातार प्रोडक्शन में हो रहा इजाफा
सरकार की ओर से कहा गया है कि मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में लगातार हो रही वृद्धि पशुपालन विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य, सुरक्षा और विभिन्न रोजगारोन्मुखी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रथम चरण में 25 लाख 63 हजार पशुओं तथा दूसरे चरण में 208 लाख गाय-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया गया, जो देश में सर्वाधिक है. मवेशियों एवं बछड़ों में 13 लाख 89 हजार ब्रुसेला टीकाकरण में भी राज्य देश में प्रथम स्थान पर है.
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