नई दिल्ली. देश की अर्थव्यवस्था में पशुपालन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. अगर हम ग्रामीण परिवेश की बात करें तो बकरी पालन बड़े स्तर पर किया जा रहा है. सरकार भी पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. मगर, कभी-कभी बारिश के दौरान बकरियों में ऐसी बीमारियां लग जाती हैं, जिससे जानवर मर तक जाते हैं. इससे किसान व पशुपालकों को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. अगर हम बरसात में कुछ ऐसा सरल प्रबंधन कर लें तो मृत्युदर को कम किया जा सकता है. बारिश के दौरान बकरियों को पेट से जुड़ी बीमारियां ज्यादा हो जाती हैं. अगर उचित रख-रखाव और पौष्टिक आहार दें तो इन बीमारियों से बचाया जा सकता है. अगर बकरियों को ठीक से आहर दें तो स्वास्थ्य ठीक रह सकता है.
बकरी पालकर ही मोटी कमाई की जा सकती है. हर महीने अच्छी कमाई की जा सकती हैं, मगर बरसात के मौसम में कुछ ऐसी छोटी-छोटी गलतियां बड़ा नुकसान कर देती हैं. ये गलतियां कम जानकारी या खराब खाने की वजह से होती है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान नए बकरी पालकों को उठाना पड़ता है. अगर आपके पास अनुभव है तो आपको कभी भी बकरी पालन में नुकसान नहीं हो सकता. बकरी पालकों को छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना होगा. आज हम इन्हीं बातों को बताने जा रहे हैं, जिससे बारिश के मौसम में बकरी पालक अपने जानवरों को कैसे सेहतमंद रख सकते हैं. इसमें सबसे ज्यादा उन पेड़ों की पत्तियों के बारे में बात करेंगे जो बकरी के पेट के कीड़ों को मारने में मददगार होती हैं.
हरे चारे की अहमियत
किसी भी जानवर को सेहतमंद रखने के लिए पौष्टिक भोजने की जरूरत होती है.अगर पौष्टिक आहार नहीं मिला तो जानवर कमजोर होने के साथ ही बीमार भी पड़ सकता है. उसकी ग्रोथ रुक जाएगी. इसलिए बकरी के भोजन में हरे चारे को जरूर शामिल करें. इसमें भी ज्यादातर पेड़-पौधों की पत्तियां हो तो ज्यादा बेहतर है. क्योंकि इन पत्तियों में औषधिय गुण होते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि बकरियां बीमार होने पर स्वाभाविक रूप से ही इन पौधों को खाकर ठीक हो जाती हैं.
कौन से पेड़ की पत्तियां हैं सबसे अच्छी
सीआईआरजी के वैज्ञानिकों की बात मानें तो उनके रिसर्च में जो निकलकर आया है वो बेहद ही शानदार और बकरियों के लिए बेहद लाभकारी है. अगर अमरूद, नीम, मोरिंगा की पत्तियों को बकरियों को देंगे तो ये बहुत फायदेमंद होती हैं. इनमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इन पत्तियों में टैनिन और प्रोटीन होने की वजह से पेट के कीड़ों को मारने में मदद करती है. अगर इन पत्तियों को बकरी खा लेती हैं तो बारिश के मौसम में उनकी सेहत अच्छी रहेगी और पेट की बीमारी नहीं होंगी.
क्या है इस चारे के फायदे
इस मौसम में जानवरों के अंदर पेट की बीमारियां काफी बढ़ जाती हैं. अगर बकरी पालक हरे चारे में नीम, अमरूद, मोरिंगा पेड़ों की पत्तियों को उचित मात्रा में शामिल करते हैं तो बकरी के अंदर पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व जाएंगे. अमरूद की पत्तियों में एंटी हेल्मिथिंक गुण होते हैं जो बरसात के मौसम में न सिर्फ इंसानों के लिए बलिक जानवरों के लिए भी कई मायनों में नुकसादायक होता है.
बारिश के मौसम में कैसे मारें पेट के कीड़ों को
बारिश के दौरान बकरियों के पेट में कीड़े भी पड़ जाते हैं, जिसके लिए हम देसी उपाय भी कर सकते हैं. अगर बकरी को स्वास्थ रखना है तो नीम की पत्तियां खिलाएं. नीम की पत्तियां एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुणों से युक्त होती हैं. ये पत्तियां संक्रमण से बचाती हैं. मोरिंगा में प्रोटीन, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बकरियों के विकास और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं. इसके अलावा नीम गिलोय भी बकरियों के लिए फायदेमंद होता है. यह एक और लाभकारी पौधा है, ये स्वाद में तो कड़वा होता है लेकिन बकरियों के लिए बहुत लाभकारी होता है. इससे भी पेट के कीड़े मर जाते हैं.
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