नई दिल्ली. गाय और भैंस को दिए जाने वाला खनिज लवण मुख्यता हड्डियों और दातों की संरचना के लिए बहुत अहम माना जाता है. दूध में भी यह काफी मात्रा में फायदा पहुंचाते हैं. यह पशुओं के शरीर की कई सारी क्रियाओं को एग्जीक्यूट करने का काम करते हैं. मिनरल मिक्चर की कमी के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती है. क्योंकि कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, लोहा, तांबा, जस्ता, कोबाल्ट और आयोडीन पशुओं शरीर के लिए प्रमुख लवण होते हैं. इसकी कमी से दिक्कतें होना लाजिमी हैं. वहीं मिनरल मिक्चर खिलाने के कई फायदे होते हैं.
दूध उत्पादन के लिए होती है जरूरी
दूध उत्पादन की अवस्था में भैंस को और गाय को कैल्शियम और फास्फोरस की आवश्यकता होती है. प्रसूती काल में इसकी कमी हो जाने के कारण की दिक्कतें आती हैं और बाद में दूध का उत्पादन भी घट जाता है. जबकि प्रजनन दर में भी इसे कमी आने का खतरा रहता है. कैल्शियम की कमी के कारण गाभिन भैंस में फूल दिखाने की समस्या भी हो जाती है. क्योंकि चारे में मौजूद खानिज लवण भैंस की आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पता है. इसलिए खनिज लवण को अलग से खिलना जरूरी होता है. पशुओं को प्रतिदिन 40 से 60 ग्राम खनिज लवण देना ही चाहिए. वहीं 25 से 30 ग्राम साधारण नमक भी देना चाहिए और भरपेट साफ पानी भी देना चाहिए.
नियमित रूप से खिलाना चाहिए
गया भैंसों को खनिज मिश्रण या नमक खिलाने के कई लाभ होते हैं. फायदों के बारे में बताया जाए तो जैसे हड्डियों को मजबूत बनाता है. पशुओं का हाजमा ठीक रखता है. पशुओं की पाचन शक्ति बढ़ाता है. पशुओं की दूध की मात्रा और शारीरिक भार को भी बढ़ता है. पशुओं को कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है. उनकी उत्पादन शक्ति को बढ़ा देता है. दो ब्यांत अंतराल के बीच के अंतर को काम करता है. पशुओं को नया दूध न होने की परेशानी को भी कम करता है. पशुओं को बच्चा देते समय कोई दिक्कत नहीं होती है और पशु कपड़ा, मिट्टी, लकड़ी आदि भी नहीं खाते हैं. इन सब बातों को देखते हुए किसान को अपने पशुओं को मिनरल मिक्चर नियमित रूप से खिलाना चाहिए.












