Home पशुपालन Animal Husbandry: जहां खड़े होकर या बैठकर आराम करता है पशु, वहां ये काम जरूर करें पशुपालक
पशुपालन

Animal Husbandry: जहां खड़े होकर या बैठकर आराम करता है पशु, वहां ये काम जरूर करें पशुपालक

Foot-and-mouth disease, lameness disease, black quarter disease, strangulation disease, hemorrhagic septicemia, HS, live stock, live stock animals, animal husbandry, animal husbandry, animals sick in rain
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं की सिर्फ फीड पर ही नहीं, बल्कि पशुओं के खड़े होने के स्थान का भी चयन अहम होता है. क्योंकि अगर खड़े होने की जगह सही नहीं होगी तो पशु इससे बीमार हो सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि पशुओं के खड़े होने की जगह कुछ जरूरी चीजें की जाएं, जिससे पशुओं को कोई दिक्कत न हो. आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि पशु जिस स्थान पर रहता है. जहां खड़ा होता है या फिर बैठकर लेटकर आराम करता है तो वहां क्या-क्या व्यवस्थाएं की जानी चाहिए.

पशुओं का रखरखाव व उपचार की बात की जाए तो जानवरों को खड़े रहने के लिये सही जगह की व्यवस्था करना और पैरों के नीचे नमी व गीली कंक्रीट से बचाव करना अहम होता है. आराम से लेटने का प्रबन्ध की बात की जाए तो लेटने की जगह का आरामदायक होना, समतल जमीन, खुरको अधिक से अधिक सूखी हालत में रखना और गायों को धीरे-धीरे बाहर भीतर ले जाना जरूरी होता है.

खुर काटने की होती है जरूरत
समय पर पैर की जांच खुर की कटाई विशेषकर पिछले पैर के बाहरी नखर की कटाई समय-समय पर करवाना चाहिए. खुर कटाई एक ऐसी कला है, जिससे जानवर की कारगर जिन्दगी को बढ़ाया जा सकता है. इससे खुर की असामान्यतायें समाप्त की जा सकती हैं. जानवरों को प्रदर्शनी या बेचते समय भी इसका उपयोग किया जाता है. यह आवश्यक है कि हर एक या दो महीनों में सभी जानवरों का परीक्षण किया जाये. इसके लिये साफ-सुथरी और समतल जमीन पर जानवर को खड़ा किया जाय जिससे जिन जानवरों के खुर काटने की आवश्यकता है उनकी पहचान की जा सके. असामान्य तरीके से चलने वाले जानवरों का भी ध्यान रखना चाहिए. खुर कटाई के लिये खुर ट्रिमर या खुर चाकू का इस्तेमाल किया जाता है.

स्प्रे का कब करना चाहिए इस्तेमाल
खुर ट्रिमर अपने लम्बे मुठिया की वजह से अधिक उपयोगी है. एड़ी की कटाई की आवश्यकता नहीं होती है. यह खुद से ही घिस जाती है. छोटे-छोटे टुकड़ों में ही कटाई करनी चाहिये जिससे खुर का रंग देखा जा सके। जैसे ही हल्का गुलाबी रंग देखने को मिले कटाई बन्द कर देनी चाहिये. यदि कोई फोड़ा या अन्य बीमारी दिखाई दे तो उसकी धुलाई कर तेज आयोडीन के घोल को लगाना चाहिये. नियमित रुप से फुटबाथ या फुट स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए. फुटबाथ में 5 प्रतिशत फार्मलीन या 2.5-5 प्रतिशत कापर और जिन्क सल्फेट का सप्ताह में 3-4 बार प्रयोग करना लाभदायक होता है. यदि जानवर में उचित उपचार के बाद भी सुधार न हो तो उसकी छंटनी कर देनी चाहिये.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

langda bukhar kya hota hai
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं की अच्छी सेहत और प्रोडक्शन के लिए ठंड में करें इन 14 टिप्स पर काम

वहीं सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर किसान पशुपालन में आने वाले जोखिम...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: सितंबर के महीने में इन 14 प्वाइंट्स पर जरूर करें गौर, पशुपालन में बढ़ जाएगा मुनाफा

पशुशाला से लेकर उनकेे खान-पान पर ध्यान देना जरूर होता है. पशुशाला...

livestock animal news
पशुपालन

Cow Husbandry: गायों में इस संक्रमण की वजह से हो जाता है गर्भपात, यहां पढ़ें कैसे किया जाए बचाव

इस रोग के कारण गायों में गर्भावस्था की अंतिम तीन महीनों में...

sheep and goat farming
पशुपालन

Animal News: भेड़-बकरी पालन के फायदों को बताएगा आकाशवाणी, देगा नई तकनीकों की जानकारी

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर एवम आकाशवाणी केंद्र जयपुर के...