नई दिल्ली. मणिपुर के राज भवन इंफाल में आयोजित ‘नेशन फर्स्ट @75 अभियान’ कार्यक्रम में राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड (NDDB) के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने कहा कि एनडीडीबी हमेशा सहकारी संस्थाओं और ग्रामीण उत्पादकों की सामूहिक शक्ति के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि की शक्ति में विश्वास करता रहा है. उन्होंने कहा कि जब एनडीडीबी ने अप्रैल 2025 में प्रबंधन संभाला, तो संघ को स्थिर करने, किसान विश्वास को बहाल करने और संचालन को पुनर्जीवित करने के लिए तुरंत कदम उठाए गए. प्रोसेसिंग सुविधाओं का नवीनीकरण किया गया. किसानों का बकाया चुकाया गया है.
साथ ही भारतीय सेना को दूध की आपूर्ति शुरू की गई है. एनडीडीबी योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता का विस्तार किया गया, जिससे तरलता, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और विकास की तैयारियों को सुनिश्चित किया गया. कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, एनडीडीबी ने अपने RPPOI योजना के तहत मणिपुर दूध संघ को 5 करोड़ का समर्थन भी मंजूर किया, जिससे संचालन और किसान-केंद्रित गतिविधियों का विस्तार किया जा सके.
नए साफ्टवेयर को किया गया लॉन्च
उन्होंने बताया कि एनडीडीबी के मार्गदर्शन में, मणिपुर मिल्क यूनियन अब डेयरी सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए transformative कदम उठा रही है.
यह न केवल उत्पाद विविधीकरण का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित, पोषक और उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद प्रदान करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण भी है. जबकि किसानों के लिए सुनिश्चित बाजार और उचित लाभ भी उत्पन्न करता है.
मणिपुर मिल्क यूनियन के लिए एनडीडीबी द्वारा विकसित AMCS और NDDB-ERP सॉफ़्टवेयर का शुभारंभ भी किया गया. मणिपुर के गर्वनर इसकी शुरुआत की.
साफ्टवेयर पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाएगा, जबकि नई अवसंरचना जैसे चिलिंग सेंटर, खरीददारी को मजबूत और दूध की गुणवत्ता को बनाए रखेगा.
प्रॉबायोटिक और स्वास्थ्य-उन्मुख उत्पादों को लॉन्च करना एनडीडीबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे मणिपुर जैसे उभरते डेयरी क्षेत्रों में नवाचारों को पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
भारत के पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में डेयरी विकास के लाभों का अनुभव किया है, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों ने समान रूप से लाभ नहीं उठाया है.
इस अंतर को पहचानते हुए, NDDB ने उत्तर-पूर्व को विशेष फोकस बनाया है. असम में WAMUL का सफल प्रबंधन एक दशक से अधिक समय तक पहले ही राह दिखा चुका है.
जहां NDDB की देखरेख ने दूध की खरीद, प्रसंस्करण और किसान भागीदारी में तेजी से वृद्धि की. इस अनुभव पर आधारित, NDDB अप्रैल 2025 से मणिपुर दूध संघ का भी प्रबंधन कर रहा है, जिसका लक्ष्य राज्य के किसानों के लिए एक समान सफलता की कहानी लिखना है.
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