Home मछली पालन Aquarium Fish: एक्वेरियम की रंगीन मछलियाें की घर में कैसे करें देखभाल, जानिए जरूरी टिप्स
मछली पालन

Aquarium Fish: एक्वेरियम की रंगीन मछलियाें की घर में कैसे करें देखभाल, जानिए जरूरी टिप्स

अधिकांश एक्वेरियम मछलियां मांसाहारी होती हैं और उनके आहार में यह बात शामिल होनी चाहिए. बहुत सारे जीवित भोजन की जरूरत होती है, लेकिन यह मछली की प्रजातियों पर निर्भर करता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. एक्वेरियम एक ग्लास कंटेनर है, जिसमें पानी के पौधों, चट्टानों, बजरी, कृत्रिम सजावटी चीजें आदि डालकर जलीय जीवों को एक कृत्रिम प्राकृतिक एनवायरमेंट में रखते हैं. एक्वेरियम के पानी की गुणवत्ता को मेंटेन करना बेहद जरूरी है. एक्वेरियम के अंदर पानी का तापमान, पानी का मूवमेंट, लाइट आदि को कंट्रोल करने के लिए कई तरह के उपकरणों की जरूरत होती है. एक्वेरियम की मछलियों को खाना खिलाते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए. अधिक फूड इन मछलियों के लिए हमेशा नुकसानदायक होता है. असल में, एक्वेरियम एक जैविक इकाई है, इसके प्रत्येक तत्व, जैसे— पानी, कांच, लाइट, रेत, बजरी, प्लांट, मछली एक संतुलन बनाते हैं, इनका बैलेंस बहुत जरूरी होता है.

125-250 लीटर की पानी क्षमता वाला टैंक सबसे अच्छा माना जाता है. एक उपयुक्त आकार 80 सेमी टैंक (80x40x40 सेमी) या एक मीटर आकार का टैंक (100x50x50 सेमी) होगा. होम एक्वेरियम का सबसे फेमस आकार 60 सेमी लंबाई x 30 सेमी चौड़ाई x 40 सेमी ऊंचाई है, जिसकी क्षमता 57 लीटर (15 गैलन) है. फिर भी, एक्वेरियम का आकार जगह की उपलब्धता और आकर्षण पर डिपेंड करता है. एक्वेरियम टैंक आमतौर पर लंबाई x गहराई x ऊंचाई के रूप में मापा जाता है. एक्वेरियम टैंक सबसे महत्वपूर्ण है. एक एक्वारिस्ट को इसके आकार और उपयोग की जाने वाली जरूरतों पर गौर करना चाहिए. टैंक कई प्रकार के हो सकते हैं, मेटल फ्रेम टैंक, प्लेक्सी-ग्लास टैंक, या ऑल ग्लास टैंक.

एक्वेरियम के प्रकार
एक्वेरिया में निहित जल व्यवस्था के आधार पर वे दो प्रकार के हो सकते हैं

  1. ताजे पानी के एक्वेरियम, और समुद्री पानी के एक्वेरियम

ताजे पानी के एक्वेरियम
एक्वेरियम जिसमें मीठे पानी की मछलियां और पौधे होते हैं, ताजे पानी में घोल में थोड़ी मात्रा में लवण और गैसें होती हैं. ताजे पानी में मौजूद सोडियम और कैल्शियम के अनुसार ‘कठोर’ या ‘नरम’ के रूप में बांट सकते हैं.
समुद्री एक्वेरियम, एक जैविक इकाई है, जिसमें समुद्री वनस्पतियों और जीव होते हैं. समुद्री पानी ताजे पानी से अलग होता है.

एक्वेरियम बॉटम
एक्वेरियम का आधार बॉटम कहलाता है. इस आधार पर एक्वेरियम बेड तैयार किया जाता है. ये दो बुनियादी जरूरतों को पूरा करता है.

  • मछलियों को घर जैसा महसूस कराना और जलीय पौधों के लिए एक बढ़ता हुआ माध्यम देना.
    जब तक कि मछली की किसी विशेष प्रजाति की विशेष आवश्यकताएं न हों, बेड वाला एक्वेरियम ज्यादा ठीक होता है.

एक्वेरियम की सजावट
जब एक्वेरियम अच्छी तरह से तैयार हो जाता है और सही जगह पर रखा जाता है, तो इसकी सजावट का समय आता है. एक्वेरियम में ऑक्सीजन की सप्लाई सबसे जरूरी होती है. आम तौर पर, एक प्लास्टिक ट्यूब द्वारा एयर पंप से जुड़े पत्थर के डिफ्यूज़र को एक्वेरियम के अंदर रखा जाता है. हालांकि, एक्वेरियम को आकर्षक रूप देने के लिए बाजार में कई सजावटी खिलौने उपलब्ध हैं. इनमें मरमेड (समुद्री जीव), पानी के नीचे गोताखोर, सीप के गोले, एंगलर, मानव खोपड़ी, मेंढक आदि की आड़ में प्लास्टिक के बुलबुले शामिल हैं. एक्वेरियम के रेतीले तल पर रंगीन संगमरमर के स्टोर किए जा सकते हैं। कभी-कभी एक्वेरियम को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसके पीछे समुद्र की सतह या समुद्र तल की रंगीन तस्वीर लगाई जा सकती है.

पानी भरना
पानी मछलियों के लिए अच्छा वातावरण देता है. एक्वेरियम को साफ पीने वाले पानी से भरा होना चाहिए. अगर नल का पानी क्लोरीनयुक्त है, तो उसे एक्वेरियम में डालने से पहले रात भर हवा में रखना चाहिए.

पसंद की मछलियां
एक्वेरियम में पानी रखने के बाद पसंद की मछलियों को एक्वेरियम में डाला जाना चाहिए. एक्वेरियम मछलियां विदेशी और देशी दोनों होती हैं. बेट्टा स्प्लेंडेंस
(3) बोटिया डेरियो
(4) कैरासियस ऑराटस (सुनहरी मछली)
(5) कोलिसा ललिया
(6) कोलिसा चुना
(7) साइप्रिनस कार्पियो
(8) गम्बूसिया एफिनिस
(9) हेमीक्रोमिस बिमाकुलैटस
(10) लेबिस्टेस रेटिकुलेट्स (गप्पी) मुख्य हैं.

एक्वेरियम के पानी की जरूरतें मछलियों के जिंदा रहने और ग्रोथ में पानी अहम रोल निभाता है. एक्वेरियम के पानी में तापमान 76 से 80 °F, pH – 7.6 से 8.4 और होना चाहिए. समुद्री सिंथेटिक नमक का उपयोग समुद्री सेटअप की तुलना में खारे पानी के सेटअप में सुधार करेगा. सिंथेटिक नमक में सही pH देने के लिए जरूरी सभी ट्रेस तत्व और बफर होते हैं.

एक्वेरियम मछलियों का भोजन अधिकांश एक्वेरियम मछलियां मांसाहारी होती हैं और उनके आहार में यह बात शामिल होनी चाहिए. बहुत सारे जीवित भोजन की जरूरत होती है, लेकिन यह मछली की प्रजातियों पर निर्भर करता है. सिंथेटिक एक्वेरियम फीड मार्केट में हैं, हमेशा अधिक भोजन देने से बचना चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

The Department of Fisheries organized the Startup Conclave 2.0 to promote innovation in the fisheries sector.
मछली पालन

Fish Farming: मछली के शरीर पर है लाल रंग का धब्बा तो हो जाएं अलर्ट, इस खतरनाक बीमारी का है ये लक्षण

इस रोग से प्रभावित होने वाली प्रमुख प्रजातियां गरई, भाकुर, रोहू, कवई,...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन की इस योजना का फायदा उठाकर शुरू करनें अपना बिजनेस

बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में...

The State-wise number of coastal fishermen villages for development as Climate Resilient Coastal Fishermen Villages are envisaged in proportion to the total number of coastal fishermen villages in the State and at present
मछली पालन

Fish: मछलियों की तेजी से ग्रोथ के लिए फीड में मिलाकर खिलाएं ये खास चीज

इसमें प्रोबायोटिक्स, अमीनों एसिड जैसे मिनरल्स होते हैं, जो मछलियों के शरीर...

फिश एक्सपर्ट का कहना है कि मछली सेहत के लिए फायदेमंद है.
मछली पालन

Fisheries: नक्सली पठारी इलाकों में मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा, सरकार कर रही इस योजना पर काम

पैकेज योजना सेपिङले साल पांच तालाब का निर्माण कर लोगों को मछली...