नई दिल्ली. आमतौर पर दो साल की आयु में भेड़े पूरी जवान हो जाती हैं लेकिन यह काल कुछ नस्ल और स्थान की भेड़ों का अलग होता है. ऊन उत्पादन के लिए पाली गई नस्लों की कम उम्र वाली भेड़ों का प्रजनन 1.5 से 2 साल की आयु में करवाया जा सकता है. भेड़े एक साल में एक मेमना पैदा करती हैं. कुछ ऐसी नस्ल की भेेड़े ऐसे भी होती हैं जो 14 महीने में दो बार बच्चे देती हैं लेकिन हमारे देश में छोटी आयु की भेड़ों के जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करवाने से भेड़ों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आम तौर से मेढ़ों को एक वर्ष की आयु के बाद प्रजनन के लिए उपयोग में लाया जाता है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि मेढ़े की प्रजनन शक्ति 2.5 से 7 साल की आयु तक चरम सीमा पर होती है. इसे अगर अच्छी तरह से रखा जाए तो मेढ़ा 10 साल तक काम दे सकता है. भेड़ 17 दिन के बाद 30 घंटे के लिए गर्मी में आती है. गर्मी के आखिरी समय में मेढ़े से सम्पर्क करवाने पर गर्भाधान की अच्छी सम्भावनाए होती है. जबकि भेड़ों का गर्भ काल 142 से 152 दिन तक का होता है और औसतन यह 149 दिनों का होता है.
एक ही काल में पैदा कराए जाएं मेमने
वैसे तो भारत में साल में तीन मुख्य प्रजनन काल है. जिसमें मार्च अप्रैल या ग्रीष्म काल,
जून-अगस्त या शरद काल और अक्तूबर-नवम्बर यानि शीतकाल कहा जाता है. ग्रीष्म काल में भेड़ के गभिन होने पर मैमने अच्छे होते हैं. क्योंकि गर्भकाल में भेड़ों को चरने के लिए काफी हरा घास होती है. एक ही काल में मेमने पेदा होना फायदेमंद है. ऐसा करने से मेमनों की ठीक प्रकार से देखभाल की जा सकती है.
भेड़ पालक इसपर करे फोकस
भेड़ पालक को यह तय करना चाहिए कि वह कितनी भेड़े पालना चाहता है. भेड़ों की संख्या इस बात पर निर्भर करता है कि भेड़ पालक कितने बड़े समूह का पालन पोषण अच्छी तरह से कर सकता है और उसके पास चरागाह की सुविधा कैसी है. नई भेड़े खरीदते समय भेड़ों का चुनाव सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भेड़ पालक अस्थाई आर्थिक लाभ के लिए अपनी अच्छी भेड़े नहीं बेचेगा.
कब मेमने को खरीदें
इसलिए दूध पीना छोड़ने के बाद मैमनों को खरीदना ही सबसे अच्छा रहता है. कम आयु वाली नई भेड़े अधिक आयु वाली प्रौढ भेड़ों की अपेक्षा जल्दी ही अपने आप को नई परिस्थिति में ढाल लेती हैं. यदि व्यस्क भेड़ खरीदनी हो तो 2.5 से तीन वर्ष की आयु वाली या चार दांत वाली भेड़ों को चुनना अच्छा रहता है.
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