Home पोल्ट्री Brown Egg: ब्राउन अंडों की क्या होती है खासियत, क्यों रहती है इस देश में इसकी खास डिमांड
पोल्ट्री

Brown Egg: ब्राउन अंडों की क्या होती है खासियत, क्यों रहती है इस देश में इसकी खास डिमांड

सफेद अंडा देने वाली मुर्गी छोटे आकार की होती है औ कम खाती है.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट अंडे को प्रोटीन का सबसे सस्ता सोर्स मानते हैं और सलाह देते हैं कि हर रोज अंडा खाना चाहिए. क्या आपको पता है कि मोटे तौर पर अंडों के तीन प्रकार होते हैं. भारत में व्हाइट अंडा, ब्राउन अंडा और देशी अंडा खाया जाता है. बहुत से लोग ब्राउन अंडे को देशी अंडा कहकर बेचते हैं और लोग इसे खरीदकर खाते हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि ब्राउन अंडे और देशी अंडे में फर्क होता है. ब्राउन अंडे और देशी अंडों की अपनी खासियत होती है. आइए आर्टिकल में ब्राउन अंडों के बारे में जानते हैं.

आपको बताते चलें कि ब्राउन अंडा, देसी मुर्गियों की तरह दिखने वाली मुर्गियों से हासिल किया जाता है. अंडे के छिलके का रंग मुर्गी की नस्ल पर निर्भर करता है. ब्राउन मुर्गियां आमतौर पर भूरे रंग के अंडों का उत्पादन करती हैं. वहीं ब्राउन एग की जर्दी की बात की जाए तो इसके अंदर पीला वाला भाग थोड़ा ज्यादा गहरे रंग का होता है. जबकि सफेद वाले अंडे के पीले भाग की तुलना में थोड़ा गहरे रंग का होता है. ब्राउन अंडे में प्रोटीन के साथ-साथ कैल्शियम और कैलोरी दोनों मौजूद होते हैं. ब्राउन अंडे में प्रोटीन भी ज्यादा होता है. ये भी वजह है कि बांग्लादेश में इन अंडों की डिमांड ज्यादा है.

जानें कितने का बिकता है एक अंडा
हालांकि अंडे के छिलके का रंग चाहे जो भी हो, अंडे का स्वाद और पोषण एक जैसा ही होता है. लेकिन ब्राउन अंडे सफेद अंडों के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक माने जाते हैं. इस वजह से भी ब्राउन अंडे सफेद अंडों की तुलना में थोड़े ज्यादा महंगे होते हैं. आमतौर पर भारत में ही ब्राउन अंडे जो देशी अंडे कहकर बेचे जाते हैं, उसकी कीमत 12 से 15 रुपये तक होती है. जबकि देशी अंडों की कीमत 25 रुपये से शुरू होकर 100 रुपये तक है. जिन्हें कुछ खास नस्ल की मुर्गियों से हासिल किया जाता है.

भारत में कम होता है ब्राउन अंडों का उत्पादन
वहीं बांग्लादेश एक ऐसा देश है, जहां पर सफेद अंडों के मुकाबले ब्राउन अंडों की खपत ज्यादा है. क्योंकि इसके अंदर पाए जाने वाली पौष्टिकता की वजह से वहां के लोग इस अंडे को ज्यादा खाना पसंद करते हैं. इसके चलते कुल 8.50 करोड़ के अंडे भारत से खरीद रहा है. इसी साल अक्टूबर में बांग्लादेश की ओर से 4 करोड़ ब्राउन अंडों की डिमांड की गई थी. जिसे एक्सपोर्ट किया गया है. अब एक बार फिर से 4.50 करोड़ अंडों की डिमांड की गई है. बतााते चलें कि श्रीनिवास ग्रुप भारत में बड़े पैमाने पर ब्राउन अंडों का उत्पादन करता है. इसको बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहा है. क्योंकि भारत में ब्राउन अंडों का उत्पादन कम है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry farm
पोल्ट्री

Poultry Farming: इस नस्ल की मुर्गी को पालें तो मिलेगा दोहरा फायदा, यहां पढ़ें इसकी खासियत

उसी के हिसाब से उनकी नस्ल का चयन करना चाहिए. तीन मुर्गियों...

poultry farm
पोल्ट्री

Poultry Farming: 1 से लेकर 30 दिनों तक चूजों को खिलाएं कौन सा फीड, जानें यहां

10-20 मुर्गी से ही मुर्गी पालन का काम शुरू कर रहे हैं...

रोगी पक्षियों के पंख बिखरे-बिखरे व लटके रहते हैं और कॉम्ब पर पीलापन नजर आता है.
पोल्ट्री

Poultry Farming News: बारिश में मुर्गी पालन के दौरान आती है ये दिक्कतें, जानें परेशानियों का उपाय भी

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार के एक्सपर्ट की मानें तो...