Home पोल्ट्री Poultry Farming: बारिश में मुर्गियों को इस बीमारी का रहता है खतरा, यहां पढ़ें क्या है बचाव का तरीका
पोल्ट्री

Poultry Farming: बारिश में मुर्गियों को इस बीमारी का रहता है खतरा, यहां पढ़ें क्या है बचाव का तरीका

livestookanimalnews-poultry-cii-egg-
पोल्ट्री फॉर्म में चूजे. live stock animal news

नई दिल्ली. बारिश के दौरान मुर्गियों का खास ख्याल रखना होता है. खासतौर पर उनके फीड को लेकर. क्योंकि बारिश में फीड में नमी आ जाती है और इसे खाकर मुर्गियों को बीमारी हो सकती है. वहीं फार्म में जिस बुरादे को मुर्गियों के बिस्तर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, उसमें भी यही खतरा रहता है. इस वज से बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं. अगर मुर्गियों को इन परेशानियों से निजात नहीं मिलती है तो फिर मुर्गियों को बीमारी हो सकती है और उनकी मौत भी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि मुर्गियों का बारिश के फीड और बिस्तर पर खास निगाह रखी जाए.

एक्सपर्ट के मुताबिक दाने और बुरादे में नमी होने पर कई तरह के बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है जो मुर्गी की आतों में सूजन ब लालपन पैदा करते हैं. मुर्गी की आंतें कमज़ोर हो जाती हैं व मुर्गियों की पाचन शक्ति कम हो जाती है. आंतों की अंदर की झिल्ली टूट-टूटकर बीट के साथ निकलती है. बीट लालपन लिए रहती है. बीट में बगैर पचा हुआ दाना दिखता है. यह बीमारियों, ई. कोलाई, क्लोस्ट्रीडियम, स्टेफाइलोकाकस नाम के जीवाणुओं के कारण होती हैं. पक्षियों का प्रजनन और अंडा उत्पादन दोनों कम हो जाते हैं. इसे एंट्राइटिसvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvv बीमारी कहते हैं.

बीमार होने पर ये होती हैं परेशानियां
एंट्राइटिस बीमारी में पोस्टमार्टम करने पर आंत में सूजन व लालपन का पता चलता है. वहीं आंत में छाले पड़ना व एक्स्ट्रा सफेद झिल्ली मिलना आम सी बात है. बगैर पचा हुआ दाना मिलता है. इसके अलावा सांस की नली में सूजन व लालपन दिखाई देता है. जबकि फेंफड़े में निमोनिया जैसे लक्षण नजर आते हैं. लिवर बढ़ा हुआ, किडनी में सूजन और दिल बढ़ा हुआ, एवं इसकी झिल्ली में पानी भर जाता है. इससे मुर्गियों को बहुत दिक्कत होती है और उनकी मौत भी हो सकती है.

क्या हैं बचाव के उपाय
एक्सपर्ट का कहना है कि बुरादे का उचित रख-रखाव करें. हमेशा नया, स्वच्छ व सूखा हुआ बुरादा ही इस्तेमाल करें. पानी में साफ करने वाली अच्छी दवाई (सेनिटाइजर) का इस्तेमाल करें. दाने को एसिठीफायर या उचित एन्टीमाइक्रोबियल से ट्रीट करें. बीमारी आने पर एन्टीबॉयोटिक का इस्तेमाल मुर्गी विशेषज्ञ की सलाह पर करें. इसके अलावा बुरादे का रख-रखाव उचित रूप से करें. इसमें चूना व अमोनिया बाइण्डर मिलायें. गीले बुरादे को बदलकर सूखा बुरादा डालें. शेड का वेंटीलेशन अच्छा रखें. उचित लिवर टॉनिक व डायूरेटिक का प्रयोग करें. अमोनिया की समस्या से निजात पाने हेतु उचित परामर्श लें.

दाना कम खाती है मुर्गी
बारिश के मौसम में बुरादे के गीला होने से उसकी सोखने की क्षमता कम हो जाती है. इस वजह से मुर्गी की बीट को बुरादा सोख नहीं पाता है. जिसके कारण शेड में अमोनिया पैदा हो जाती है. यह अमोनिया शरीर के अंदर जाकर टॉक्सिसिटी पैदा करती है. अमोनिया की वजह से मुर्गी दाना कम खाती है एवं वजन कम बढ़ता है. पक्षियों में सांस नली की बीमारी हो जाती है. जो बाद में सीआरडी के रूप में भी दिखती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry farm
पोल्ट्री

Poultry Farming: इन मुर्गियों से कम फीड लागत में लिया जा सकता है बेहतर उत्पादन, पढ़ें डिटेल

पोल्ट्री किसानों द्वारा फेस की जाने वाली समस्याओं को समझना और उनका...

livestookanimalnews-poultry-cii-egg-
पोल्ट्री

Poultry Farming: पोल्ट्री फार्म से मच्छर-मक्खियों और चूहों को खत्म करने का क्या है सही तरीका

पोल्ट्री फार्म में रसायनिक तरीकों से भी मक्खी व मच्छरों की रोकथाम...

Vaccination reduces the use of antibiotics, hence reduce the AMR.
पोल्ट्री

Poultry Farming: अब एसी वाली गाड़ी में ले जाना होगा मुर्गा, पोल्ट्री कारोबारियों को जारी किया नोटिस

मुर्गे-मुर्गियों को साधारण गाड़ी पर ही लोड करते हैं, ऐसे में उनके...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming News: पोल्ट्री फार्म में मक्खियों व मच्छरों को रोकने के क्या हैं उपाय, पढ़ें यहां

पिंजड़ों में रखे बर्ड से उत्पन्न मल की सफाई जल्दी-जल्दी करते रहना...