नई दिल्ली. राजस्थान के बारां जिले के जलवाड़ा गांव में पिछले दिनों एक बड़ा हादसा हो गया. यहां एक-एक करके पशुपालक की 68 भैंसों की मौत हो गई. वह भी पशुपालक की आंखों के सामने. वह हाथ मलता रह गया और कुछ भी नहीं कर सका. भैंसों की हुई इस मौत से पशुपालक बर्बादी की कगार पर खड़ा हो गया है. उसके पास घर परिवार चलाने के लिए जो कुछ भी था वह इस हादसे में खत्म हो गया. जिसके चलते उसने और स्थानीय गांव के लोगों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. ताकि वह अपनी और अपने परिवार की आजीविका चला सके. आईए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है.
दरअसल, बारां जिले के जलवाड़ा गांव में 17 अप्रैल को गांव में मौजूद गणेश जी की तलाई में भैंसे नहा रही थीं. अचानक तालाब के पास बिजली के पोल में स्पार्किंग हुई और 11 केवीए का बिजली तार गिर गया और तालाब में करंट फैल गया. देखते ही देखते भैंसें एक-एक करके गिरने लगीं और कुछ ही मिनट में 68 भैंसों ने दम तोड़ दिया. पशुपालक सुबोध मीणा ने बताया कि उनकी सारी भैंस तालाब में ही उस वक्त मौजूद थी जब तार टूट कर गिरा. अचानक सभी भैंसे गिरने लगी और वह कुछ समझ नहीं पाए कि कैसे उनकी जान बचाई जाए.
सिर्फ यही था आजीविका चलाने का साधन
इस हादसे के बाद पशुपालक गहरे सदमे में पहुंच गया है. उसने मीडिया को बताया कि सिर्फ ये भैंसे ही उसकी आजीविका का साधन थीं. अब परिवार का खर्च चलाने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं है. इस नुकसान ने उसे रोड पर लाकर खड़ा कर दिया है. वहीं गांव के लोगों का कहना है कि पीड़ित पशुपालक को सरकारी मदद मिलना चाहिए. ताकि वह अपना डेयरी का काम एक बार से शुरू कर सके. अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक खुशहाल परिवार बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाएगा. यह बहुत बड़ा नुकसान है. इसकी भरपाई सरकार और जिला प्रशासन को करना चाहिए.
अफसरों ने मुआवजा और कार्रवाई की बात कही
हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही 12 जिले के कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर, एसपी राजकुमार चौधरी, एसडीएम दिवांशु शर्मा और पशुपालन विभाग के निदेशक हरि बल्लभ मीणा भी मौके पर पहुंचे. अफसरों ने पशुपालक ढांढस बंधाया और मामले की जांच की. प्रभावित परिवार को मुआवजा देने का आश्वासन भी अफसरों की ओर से दिया गया है. इस संबंध में पशुपालन विभाग के निदेशक हरि बल्लभ मीणा का कहना है कि बिजली विभाग को नोटिस जारी किया गया है. ताकि इस तरह की लापरवाही होने पर कार्रवाई की जा सके. वहीं हादसे के बाद गांव में गुस्सा और मातम दोनों का माहौल है. लोग भी बिजली विभाग इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
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