नई दिल्ली. उत्तराखंड में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए जा रहे हैं. जहां सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो वहीं किसानों में पशुपालन में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए पशु मेले का आयोजन कर प्रतियोगिता कराई जा रही है. जिसमें ज्यादा बेहतर उत्पादन करने वाले पशुओं के मालिकों को ईनाम दिया जा रहा है. वहीं पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए दवाएं भी वितरित की जा रही है. ताकि पशुओं को किसी तरह की कोई बीमारी न हो और दूध उत्पादन भी कम न हो.
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी उत्तरकाशी डॉ. हरि सिंह बिष्ट के निर्देश के अनुपालन मेँ पशुपालन विभाग द्वारा जिला योजनांतर्गत वित्त पोषित पशु प्रदर्शनी का आयोजन ग्राम मट्टी विकास खंड डुंडा मैं किया गया. प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन के प्रति ग्राम वासियों में जागरूकता उत्पन्न करना एवं पशुपालकों को प्रोत्साहित करना था. पशु प्रदर्शनी में ग्राम सभा मट्टी के ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि के रूप में हिमंती तथा उपप्रधान राम रतन रतूड़ी द्वारा प्रतिभा करते हुए पशुपालकों क उत्साहवर्धन किया गया. पशु प्रदर्शनी में विभिन्न पशु श्रेणी में कुल 43 लाभार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया था. दुधारू श्रेणी में फागनी देवी, सूखा श्रेणी में विनीता तथा बछड़ा श्रेणी में सुशीला और बकरी श्रेणी में प्रमोद कुमार को पहला ईनाम मिला.
इक्विन इन्फ्लुएंजा के प्रति किया जागरुक
राजकीय पशुचिकित्सालय चल्थी द्वारा ग्राम सभा पोथ के अति दुर्गम ग्राम खिरद्वारी में एक दिवसीय पशुचिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें 35 से ज्यादा पशुपालकों ने प्रतिभाग किया. पशुपालकों के पशुओं के लिए दवाइयाां वितरित की गई. पशुपालकों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत कराया गया. उक्त शिविर में सीमांत क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा 35 वन राजी महिलाओं को बकरी पालन हेतु बकरियां दी जाएंगी. इस योजना हेतु ग्राम वासियों से आवेदन प्राप्त किए गए. जिन पशुपालकों के पास घोड़े, खच्चर इत्यादि है उनको इक्विन इन्फ्लुएंजा से सम्बंधित जानकारी दी गई. इस शिविर मे डॉ. प्रीति बिष्ट पशु चिकित्साधिकारी चल्थी, निशा ओली पशुधन प्रसार अधिकारी सूखीढाग, श्री अनिल कुमार चौडाकोटी, मैत्री कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे.
वैक्सीनेश की पशुपालकों को दी जानकारी
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी महोदय पिथौरागढ़ के निर्देशानुसार राजकीय पशु चिकित्सालय थल के क्षेत्रांतर्गत ताड़ी गांव में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें 30 से अधिक पशुपालकों द्वारा प्रतिभाग किया. पशुओं को दवा वितरित की गई और एलएसडी एफएमडी व अन्य बीमारियों तथा उनसे बचने के लिए किए जा रहे टीकाकरण अभियानों के बारे में जानकारी दी गई. शिविर में आए पशुपालकों को विभागीय योजनाओं जैसे एसएलएम, केसीसी, पशुधन बीमा एवं अन्य विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई. वहीं 25 बड़े पशुओं के लिए दवा वितरित की गई. 20 छोटे पशु का दवापान, 40 पशु का दवा स्नान और 25 छोटे पशुओ का उपचार किया गया. चारा बीज वितरण किया गया. शिविर मे पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ अनुज गंगवार एवं पशुधन प्रसार अधिकारी कुंदन सिंह देऊपा उपस्थित रहे.
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