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Dairy: डेयरी फार्म में लगवाइये वॉटर बाउल, बढ़ जाएगा दूध उत्पादन

water bowl
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुओं के दूध में तकरीबन 85 फीसदी तक पानी की मात्रा होती है. इसलिए डेयरी एक्सपर्ट कहते हैं कि कभी भी पशुओं को पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए. पशुओं को साफ और ताजा पानी पिलाना चाहिए. डेयरी फार्म में पशुओं को पानी पिलाना एक बड़ा और जरूरी काम है और अगर पशुओं के समय से साफ और ताजा पानी नहीं मिलता तो इससे उनका दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. इस वजह से पशुओं के पानी पिलाने का खास ख्याल रखा जाता है. इस​के लिए बकायदा तौर पर अलग से लेबर रखना पड़ता है, जो पशुओं के खान—पान पर ध्यान देता है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर पशुओं के पानी पीने पर ध्यान न दिया जाए और वो कम पानी पीयें तो उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. कम पानी पीने की वजह से पशुओं को चारा खाने और उसे पचाने में दिक्कत आती है. उनके शरीर से जरूरी पोषक तत्व बाहर निकलने लग जाते हैं. जबकि उनका खून गाढ़ा हो जाता है. उनके शरीर का वजन कम होने लगता है. जबकि बछड़े और बछड़ियों को पेचिस होने लगती है.

क्या होता है वॉटर बाउल
पशुओं को प्रर्याप्त पानी पिलाने के लिए बहुत से किसान वाटर बाउल का इस्तेमाल करने लगे हैं. वॉटर बाउल के इस्तेमाल से पशुओं के लिए हर वक्त पानी उपलब्ध करा रहे हैं. वॉटर बाउल कई फायदे हैं. अगर इसे डेयरी फार्म में इंस्टाल करवा दिया जाए तो इससे पशु खुद उसके पास जाकर पानी पीते हैं. बाउल एक टैंक से पाइप के जरिये जुड़ा रहता है. पशु पानी पीने के लिए उसमें जैसे ही मुंह डालते हैं उन्हें लगातार पानी मिलने लगता है. इससे पशु बहुत ही आराम के साथ पानी पीते हैं. उन्हें साफ पानी पीने को मिलता है. जब पशु पानी पीते हैं तो ज्यादा दूध का उत्पादन करते हैं.

लेबर की टेंशन हो जाती है खत्म
वॉटर बाउल को इस्तेमाल करने वाले किसानों का कहना है कि इसका एक फायदा यह भी है कि यह 24 घंटे पानी उपलब्ध कराता है. साथ ही मजदूर की टेंशन भी खत्म कर देता है. क्योंकि पशुओं को हर वक्त पानी की जरूरत होती है और बड़े डेयरी फार्म में उन्हें पानी पिलाने के लिए लेबर की जरूरत पड़ती है लेकिन अगर वॉटर बाउल लगा दिया जाता है तो इससे पशु खुद ब खुद पानी पी लेते हैं. इससे पानी की बचत भी होती है और इसकी सफाई भी आसानी से हो जाती है. जबकि पशुओं को भी साफ सुथरा पानी मिलता है. पशु जितना पानी पीता है दूध के लिए उतना अच्छा होता है. इसे दूध उत्पादन भी ज्यादा मिलता है.

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