नई दिल्ली. पशुपालन के दौरान किसानों को पशुओं का हर समय ख्याल रखना पड़ता है. अगर अच्छे ढंग से पशुओं का ख्याल न रखा जाए तो इसका सीधा असर पशुओं के दूध उत्पादन पर पड़ता है. वहीं इससे डेयरी फार्मिंग में नुकसान होने लगता है. कोई भी पशुपालक कभी नहीं चाहता कि उसका पशु दूध का उत्पादन कम करे या बीमार पड़े. क्योंकि इससे उसे सीधे तौर पर नुकसान होता है. ठंड के समय में पशुओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनके थन में भी कई समस्याएं आती हैं. आइए इस बारे में जानते हैं.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि ठंड के समय में एक समस्या जो पशुओं में आती ही है वो है थन का फट जाना और इससे पशुओं के थन में जख्म हो जाना. यह समस्या पशुओं के थन के फटने के साथ शुरू होती है और उसके बाद धीमे-धीमे यह जख्म का रूप ले लेती है. अगर सही से इलाज न किया जाए तो इसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. पशु का दूध उत्पादन तो कम होता ही है. इसके साथ ही पशु की जान भी जा सकती है. इसलिए ये जानना बेहद जरूरी कि इसका इलाज कैसे किया जाए.
घर में मौजूद चीजों से करें इलाज
पशुओं के इलाज की बात की जाए तो पशुओं का इलाज पशु चिकित्सक से भी कराया जा सकता है. जबकि कई देसी उपाय भी हैं, जिनको करके पशुओं की बीमारी को दूर किया जा सकता है. देसी उपाय को पहले पशुओं पर अपनाना चाहिए, फिर फायदा न मिले तो पशु चिकित्सक की सलाह भी लेनी चाहिए. कोशिश करें कि जब जब भी देसी नुस्खा अपनाएं तो एक बार पशु चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें. बात की जाए गाय के थन के फटने पर जख्म की तो इसका आप घर में मौजूद कुछ चीजों से इलाज कर सकते हैं. जिससे पशुओं को जल्द से जल्द आराम मिल जाएगा.
इस तरह करें पशु का इलाज
बता दें कि ठंड के मौसम में पशु के थन फटने या उसमें जख्म हो जाने के इलाज के लिए आपको थोड़ा सा सरसों का तेल, थोड़ी सी हल्दी और उसमें दो मोमबत्ती को तोड़कर डाल देना है. इसके बाद इसे अच्छी तरह से गर्म कर लें. जब यह गर्म हो जाए तो इसका पेस्ट तैयार हो जाएगा. इस पेस्ट को सुबह शाम जख्म वाली जगह पर लगा सकते हैं. जख्म वाली जगह पर लगाने से पहले अपने हाथ को अच्छे से धो लें और उसके बाद पशु को यह लगा दें. इसे जल्द से जल्द पशु को आराम मिल जाएगा.
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