Home डेयरी Dairy Expo: डेयरी सेक्टर में भी रोजगार का मौका, एक लाख लीटर दूध पर छह हजार नौकरी :आरएस सोढ़ी
डेयरी

Dairy Expo: डेयरी सेक्टर में भी रोजगार का मौका, एक लाख लीटर दूध पर छह हजार नौकरी :आरएस सोढ़ी

50th Dairy Industry Conference, Indian Dairy Association, Indian Dairy Association President Dr. RS Sodhi, NDDB
50वीं डेयरी इंडस्ट्री कांफ्रेंस के दौरान मंच पर बैठे आयोजक और एक्सपर्ट.

नई दिल्ली. भारत में बड़ी मात्रा में दूध उत्पादन किया जाता है. विश्व भर में जितना दूध उत्पादन किया जाता है, उसमें भारत का कुल हिस्सा 24 फीसदी है. हालांकि अब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने 2023 तक वैश्विक दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. इतना ही नहीं वर्तमान में डेयरी सेक्टर निर्यात के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. लगातार बढ़ रही आबादी की वजह से ये डेयरी सेक्टर आगे भी तरक्की करता रहेगा. 50 साल पहले भारत में दूध का उत्पादन 24 मिलियन टन था, जो अब बढ़कर 231 मिलियन टन हो गया है. देश में हर रोज 60 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है. इससे रोजगार के भी रास्ते खुल रहे हैं. ये महत्वपूर्ण बातें हैदराबाद में आयोजित हो रहे 50वीं डेयरी इंडस्ट्री कांफ्रेंस में इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आरएस सोढ़ी कहीं.

लगातार बढ़ रहा डेयरी उत्पादकों का निर्यात
इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आरएस सोढ़ी ने कहा कि जब भी दूध प्रोसेस करने की क्षमता बढ़ती है तो एक लाख लीटर पर छह हजार लोगों के लिए नौकरी के रास्ते खुलते हैं. इसमे से पांच हजार जॉब गांव में तो एक हजार शहर में होती हैं.वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत का डेयरी निर्यात 67,572.99 मीट्रिक टन था, जिसका मूल्य 2,269.85 करोड़ या 284.65 USD मिलियन है.अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ विश्व स्तर पर डेयरी उत्पादों का प्रसार किया.

पशुपालक दूध उत्पादक को लौटाना होगा 70-85 फीसद हिस्सा
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी ) के प्रेसीडेंट डॉक्टर मीनेश शाह ने कहा कि एक समय था जब भारत में दूध की कमी थी लेकिन आज दुनिया में सबसे अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है. दूध उत्पादक पशुपालक और किसान सबसे ज्यादा जोखिम लेता है. उनकी बदौलत ही भारत दुनिया में दूध उत्पादन में नंवर वन की पोजिशन पर है, बावजूद इसके हम उन्हें कुछ नहीं देते.आज इन किसान—पशुपालकों को मजबूत करने की जरूरत है. इसलिए उपभोक्ता से होने वाली कमाई का 70 से 85 फीसद हिस्सा दूध उत्पादक को वापस करना होगा. इससे किसानों का और कंपनियों का फायदा है.

कुपोषण हमारे के लिए चिंता का विषय: डॉ. धीर
हैदराबाद में आयोजित हो रहे 50वीं डेयरी इंडस्ट्री कांफ्रेंस में हरियाण के करनाल स्थित नेशन डेयरी रिसर्च इंडस्ट्री (एनडीआरआई) के कुलपति डॉक्टर धीर सिंह ने कहा कि आज दूध उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है, मगर, कुपोषण की विश्व रैंकिंग में हमारा नंबर चिंताजनक है. इसलिए डेयरी सेक्टर को सामाजिक पहलू के बारे में भी सोचना होगा. हमें सामाजिक सरोकार के काम भी करने होंगे, जिससे कुछ कुपोषण जैसी बीमारी से बाहर निकला जा सके.

तकनीक बढ़ी तो डेयरी सेक्टर को भी मिली रफ्तार
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के एमडी एमके जगदीश ने कहा कि आज के दौर में बिना तकनीक के आप कुछ भी नहीं कर सकते. जब आपके पास तकनीक आती है तो आपके काम करने की क्षमता बढ़ने के साथ ही गुणवत्ता भी बढ़ जाती है. यही वजह है कि जब भी जरूरत महसूस हुई तो डेयरी सेक्टरर ने खुद को टेक्नोनलॉजी के साथ अपडेट किया. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि आज हमारे साथ हजारों गांवों के लाखों पशुपालक जुड़े हुए हैं. हम हर रोज अपने पशुपालकों को 28 करोड़ रुपये का भुगतान करते हैं. वहीं प्रोम्पट इनोवेशन के सीईओ डॉ. सुधीन्द्र ने बताया कि आज बाजार में छोटे चिलिंग प्लांट भी हैं जो एक घंटे में दूध को ठंडा कर देते हैं. वहीं टैंकर में लगा उपकरण दूध लेते वक्त ही उसकी तीन तरह की जांच कर लेता है. आज तो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी डेयरी सेक्टर में हो रहा है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

डेयरी

Dairy Goat: एंग्लो-न्युबियन बकरी की क्या है खासियत, कैसे करें इसका पालन, पालने के क्या हैं फायदे

अगर आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो एंग्लो-न्युबियन बकरियां जो अपने...

अंजोरी बकरी दो साल के अंतराल में तीन बार बच्चे देती है. ये उसकी खासियत है.
डेयरी

Chhattisgarh Goats Breeds: छत्तीसगढ़ की पहचान है अंजोरी बकरी, जानें इसकी खासियत

अंजोरी बकरी दो साल के अंतराल में तीन बार बच्चे देती है....

यह एक छोटे आकार की लेकिन मजबूत नस्ल है. इन गायों का सिर चौड़ा होता है, जबकि माथा सपाट और सीधा होता है. कूबड़ आकार में छोटे से मध्यम आकार का होता है.
डेयरी

Native Breeds Of Cow: छत्तीसगढ़ की पहचान है कोसली गाय, दूध ऐसा जो दूर कर दें बीमारियां

यह एक छोटे आकार की लेकिन मजबूत नस्ल है. इन गायों का...