महाराष्ट्र. महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों को बड़ी खुशखबरी दी है.सरकार अब गाय के दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर की मदद देगी. इस स्कीम को प्रदेश में सहकारी दुग्ध उत्पादक संगठनों के माध्यम से लागू की जाएगी. महाराष्ट्र के डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने इसका एलान कर दिया है जबकि किसान सभा के नेता डॉक्टर अजित नवले ने इसका विरोध करना भी शुरू कर दिया है. किसान नेता ने विरोध के पीछे कई तक दिए हैं. बता दें कि महाराष्ट्र के किसान और किसान संगठन दूध के रेट को लेकर हमेशा से मांग करते हुए प्रदर्शन करते आए हैं. अब दूध के रेट बढ़ाने के बाद सरकार इसे क्रांतिकारी कदम बता रही है.
दूध के दाम बढ़ाने से पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा
कम दूध के रेट को लेकर हमेशा से पशुपालक हमेशा से ही मांग करते आए हैं. किसानों की इस परेशानी और मांग को महाराष्ट्र सरकार ने सुना और एक खुशखबरी वाला एलान कर दिया. इस एलान के बाद से अब पशुपालकों को पांच रुपये प्रति लीटर की सरकारी मदद दी जाएगी. इसके बाद दूध का दाम बढ़ जाएगा. दूध के दाम बढ़ाने से पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा. राज्य में बड़े पैमाने पर पशुपालन होता है. लेकिन यहां के किसानों और पशुपालक को दूध का उचित दाम नहीं मिल पाता.
सहकारी दुग्ध उत्पादक संगठनों के माध्यम से ही लागू होगी योजना
महाराष्ट्र सरकार के डेयरी विकास मंत्री राधा कृष्ण विखे पाटिल ने एलान करते हुए कहा कि सरकार की इस घोषणा से सहकारी दूध संघों के माध्यम से एकत्र किए गए गाय के दूध के लिए दूध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी. यह योजना राज्य में सहकारी दुग्ध उत्पादक संगठनों के माध्यम से ही लागू की जाएगी.
किसान क्यों कर रहे विरोध
वहीं किसान सभा के नेता डॉ. अजित नवले ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
डॉक्टर नवले ने तर्क दिया है कि प्रदेश में 72 फीसदी दूध निजी संस्थाओं को दिया जाता है जबकि सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी केवल सहकरी समितियों को दूध बेचने वाले पशुपालकों को ही मिलेगी. इसलिए सरकार इस योजना से ज्यादातर पशुपालक या कहें तो दुग्ध उत्पादक वंचित रह जाएंगे. इसलिए हमारी किसान सभा की मांग है कि इस योजना को सिर्फ सहकारी समितियों तक न रखकर सभी को दी जानी चाहिए. अगर ये सब्सिडी सभी पशुपालकों को मिलेगी तो ज्यादा लाभ होगा. यही वजह है कि सरकार ने जो दूध सब्सिडी का फैसला लिया है, उससे 72 फीसदी किसान वंचित रह जाएंगे. यह किसानों के साथ न्याय नहीं होगा. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी को लाभ दे. प्रदेश सरकार को निजी और सहकारी दुग्ध संस्थाओं सभी को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देना चाहिए.
राजस्थान में भी चल रही ये योजना
किसान सभा के नेता डॉक्टर अजित नवले ने कहा कि राजस्थान में भी कुछ ऐसी ही योजना है, जिससे निजी दुग्ध उत्पादकों को लाभी नहीं मिल रहा. वहां पर भी सरकार सहकारी समितियों द्वारा बेचे जाने वाले दूघ पर ही पांच रुपये की सब्सिडी दे रही है, जिससे दूसरे किसान इस लाभ से वंचित रह जाते हैं, जो कि एक बड़ी संख्या है.
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