नई दिल्ली. दुधारू पशुओं की सेहत का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी होता है. अगर उनकी सेहत का ख्याल न रखा जाए तो इससे उन्हें कई तरह की परेशानी हो सकती है. पशुओं को बांझपन से लेकर दूसरी तरह की दिक्कतें होती हैं. मसलन पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. इसलिए बेहद ही जरूरी है कि पशुओं की सेहत का ख्याल रखा जाए और उन्हें संतुलित आहार दिया जाए. एक्सपर्ट कहते हैं कि दुधारू पशुओं में बांझपन के निदान के लिए यदि हम कुछ विशेष सावधानी बरतें तो इस समस्या का निदान हो सकता है.
इस समस्या को खत्म करने के लिए सबसे पहले हमें दुधारू पशुओं के खानपान व रहन-सहन पर ध्यान देना होगा इसके लिए हमे अपने दुधारू पशु को संतुलित आहार खिलाने की जरूरत है और संतुलित आहार पशु के दुग्ध उत्पादन के आधार पर खिलाना चाहिए. दुधारू भैंस को दो लीटर दूध पर 1 किग्रा राशन व गाय को 2.5 लीटर दूध पर 1 किग्रा. राशन खिलाना चाहिए. इसके अलावा 1-1.5 किग्रा. राशन जीवन निर्वाह के लिए देना चाहिए.
अच्छे चारे व दाने की होती है जरूरत
संतुलित आहार देने का उचित तरीका अपनाना चाहिए पशु को दाना खिलाने के लिए सुबह का दाना शाम को और शाम का दाना सुबह को भिगो देना चाहिए. पशु पालकों को ध्यान रखना चाहिए कि अधिकतर पशुपालक गाभिन पशु को दाना या अच्छा चारा तब तक ही देते हैं. जब तक पशु दूध देता है दूध से हटने के बाद पशु को सूखे चारे या तुड़ी पर छोड़ देना चाहिए. जब की इस समय पशु को और अधिक अच्छे चारे व दाने की जरूरत हैं क्योंकि यह वह समय है जिसमें पशु को अगले ब्यात के लिए भी तैयार होना है और पेट में पल रहे बच्चे का भी भरण-पोषण करना है.
पशुओं को पिलाएं ये दवा
एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं के पेट में कीड़े होने के मुख्य लक्षण पशुओं की चमड़ी खुरदरी, गोबर में बदबू व पशु का दुग्ध उत्पादन पशु की क्षमता के अनुरूप नहीं हो पाता है. पेट में कीड़ों के लिए दुधारू पशु को 60-90 मिलीलीटर एल्बोमार पिला देनी चाहिए और 15-21 दिन के अंतराल पर दोबारा दवा पिला देनी चाहिए ऐसा करने से पशु के पेट के सभी कीड़े नष्ट हो जाते हैं. दुधारू पशु को हरे चारे की आपूर्ति के लिए हरे चारे को इस क्रम में उगाना चाहिए की वर्ष भर इसकी पूर्ति अच्छे तरीके से होती रहे इसके लिए हमें समय क्रम अपनाने की आवश्यकता पड़ेगी.
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