नई दिल्ली. राजस्थान के शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान पशुपालन कल्याण के तहत किए जा रहे तमाम कार्यों की समीक्षा हुई. सचिव को जहां कमी नजर आई उन्होंने तत्काल इसे दूर करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने मंगला पशु बीमा योजना के क्रियान्वयन में जारी किए जा रहे स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों एवं बीमा की प्रगति की समीक्षा करते हुए विभाग को पंजीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बधाई दी और सभी पंजीकृत पशुओं का बीमा यथाशीघ्र कराने के निर्देश दिए जिससे पशुपालकों को योजना का जल्द से जल्द लाभ मिलना शुरू हो सके.
इस राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में पशुपालन निदेशक तथा आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, एसआइपीएफ के निदेशक कुशल तथा पशुपालन विभाग के वित्तीय सलाहकार मनोज शांडिल्य सहित विभाग के समस्त अतिरिक्त निदेशक तथा सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. जिलों के संयुक्त निदेशक तथा वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.
इस काम में लापरवाही न करें अफसर
उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी होने और बीमा होने के बीच काफी बड़ा अंतर है. इसका कारण सर्वे टीम की कमी है. उन्होंने सर्वेयर कंपनी को जल्द से जल्द इस अंतर को कम करने का निर्देश दिया. उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अभी से अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए. इस अवसर पर शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के डुअल और हाइब्रिड मोड में संचालन की समीक्षा करते हुए पर्यवेक्षण को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया. उन्होंने एमवीयू के पर्यवेक्षण के लिए गूगल शीट भरने के सख्त निर्देश जिलों को दिए. उन्होंने कहा कि एमवीयू के प्रभावी पर्यवेक्षण में अभी भी कमियां पाई जा रही हैं इसलिए इसका पर्याप्त निरीक्षण सुनिश्चित करें. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी. कुछ जिले अच्छा काम कर रहे हैं उनसे परामर्श कर अपने कार्य में सुधार लाएं.
दवाओं की उपलब्धता जरूरी
पशु चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता और बिलों के भुगतान पर चर्चा करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में दवाइयों की उपलब्धता में कमी नहीं आनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्थान में पर्याप्त संख्या में दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि समय रहते उन्हें दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर दवाइयों की एक्सपायरी नहीं होनी चाहिए और दवाइयों का समुचित तथा समय पर उपयोग होना चाहिए. अगर किसी जिले में कोई दवा काम नहीं आ रही हो तो जिन जिलों में उसकी जरूरत है वहां भिजवाने की व्यवस्था करें. विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुरेश मीना ने बताया कि अप्रैल से जून तक की मांग संकलित कर क्रयादेश निदेशालय स्तर से जारी कर दिए गए हैं, फर्मों द्वारा निरंतर सप्लाई जारी है.
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