Home पशुपालन Animal News: इस राज्य की सरकार ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट के लिए लॉन्च किया देश का पहला चैटबॉट नंबर
पशुपालन

Animal News: इस राज्य की सरकार ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट के लिए लॉन्च किया देश का पहला चैटबॉट नंबर

चैटबॉक्स की शुरुआत करते मंत्री और अन्य लोग.

नई दिल्ली. राजस्थान के पशुपालन, डेयरी और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है. जिसका ज्यादा फायदा पशुओं और पशुपालकों को मिलना ही चाहिए. इसके लिए हमें हर संभव प्रयास करने चाहिए. मोबाइल वेटरनरी यूनिट से संबंधित यह चैटबॉट एक नवाचार है. निश्चय ही अन्य राज्य भी इससे प्रेरित होंगे. वे मंगलवार को पशुपालन विभाग द्वारा आरएसएलएमटीआई में आयोजित ‘‘1962-एमवीयू राजस्थान’’ (चैटबॉट नंबर 9063475027) तथा योजना की प्रचार सामग्री के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

कुमावत ने बटन दबाकर चैटबॉट का लेाकार्पण किया और प्रचार प्रसार सामग्री का भी विमोचन किया. कार्यक्रम में शासन सचिव, पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य डॉ समित शर्मा तथा पशुपालन निदेशक डॉ आनंद सेजरा, बीएफआईएल के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री जे श्रीधरन तथा गोपालन निदेशक श्री प्रह्लाद सहाय नागा भी उपस्थित थे।

ज्यादा होना चाहिए इसका इस्तेमाल
मंत्री कुमावत ने कहा कि प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री की एक ही मंशा है कि पशुपालकों को उनके पशुओं के लिए चिकित्सा उनके दरवाजे पर मिले और इसीलिए प्रधानमंत्री ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट की सुविधा पशुपालकों के लिए शुरू करवाई है. प्रदेश में एक साल पहले मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स का संचालन शुरू हुआ था. साल 1962-कॉल सेंटर को संचालित हुए भी लगभग छह महीने हो चुके हैं. हालांकि प्रदेश में मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की स्थिति अच्छी है लेकिन जिस स्तर पर इसका उपयोग होना चाहिए था वह नहीं हो पा रहा है और हम अपने लक्ष्य से अभी काफी दूर हैं. योजना को प्रदेश के अधिकाधिक पशुपालकों तक पहुंचाने के लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है.

घर पर ही मिलेगा शुरुआत इलाज
इसके लिए कॉल सेंटर संचालनकर्ता फर्म ‘‘बीएफआईएल’’ जो कि इंडसइंड बैंक की सहायक है द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार हेतु सामग्री तैयार कर उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि इन गतिविधियों में होने वाला व्यय कॉल सेंटर संचालनकर्ता फर्म ‘‘बीएफआईएल’’ द्वारा सीएसआर के अंतर्गत किया जा रहा है तथा इससे राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा. कुमावत ने कहा कि इस चैटबॉट के माध्यम से पशुपालकों को पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा उनके घर पर ही उपलब्ध हो जाएगी. जिससे उनके समय, श्रम और पैसे की बचत भी होगी. उन्होंने कहा कि योजनाओं को धरातल पर लाने में मानव श्रम की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है और सरकार आने वाले समय में विभाग में मानव श्रम की कमी को जल्द ही दूर करेगी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

buffalo calving
पशुपालन

Animal Husbandry Scheme: पशुपालन शुरू करने के लिए सरकार कर रही है आर्थिक मदद, पढ़ें डिटेल

यहां जान लें कि योजना के तहत किसे कितना फायदा होगा और...

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
पशुपालन

Animal Husbandry: यहां पढ़ें क्या है पशु क्रूरता के नियम, ​इसे न मानने वालों पर क्या होगी कार्रवाई

पशु क्रूरता से संबंधित शिकायत संबंधित थाना, पुलिस अधीक्षक, जिला पदाधिकारी और...