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Dairy: कड़ाके की ठंड में कैसे बचाएं पशुओं को, चारे से लेकर बाड़े तक का ये है मैनेजमेंट

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
बाड़े में बंधी भैंस. livestockanimalnews

नई दिल्ली. कोहरे के साथ ही कड़ाके की सर्दी लोगों को परेशान करेगी. इसमें पशुओं को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे एक सवाल पैदा होता है कि सर्दी में अपने पशुओं से बचाने के लिए क्या करना चाहिए क्या नहीं. ऐसे में लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज किसानों को बता रहा है कि कड़ाके की सर्दी में पशुपालकों को अपने पशुओं की देखभल और खानपान का कैसे ध्यान रखना चाहिए. दिसम्बर के महीने पशुओं की देखभाल और भी बढ़ जाती अहै. यहां पर एक खास बात ये कि इस दौरान पशु हीट में भी आता है. साथ ही गर्मी के मौसम में गाभिन कराए गए पशु इस दौरान बच्चा देने की हालत में होते हैं. इस दौरान पशु बीमार भी होते हैं. पशुपालक को इसका खामियाजा आर्थिक नुकसान के रूप में उठाना पड़ता है. इसलिए कुछ टिप्स दी जा रही हैं, जिनकर पशुपालकों को जरूर गौर करना चाहिए.

पशुपालक पशुओं के टीकाकरण पर जरूर ध्यान दें
दिसम्बर के महीने पशुओं की देखभाल और भी बढ़ जाती अहै. यहां पर एक खास बात ये कि इस दौरान पशु हीट में भी आता है. साथ ही गर्मी के मौसम में गाभिन कराए गए पशु इस दौरान बच्चा देने की हालत में होते हैं. ऐसे में पुशपालकों को अपने पशुओं को ध्यान ज्यादा रखना चाहिए. अगर किसान समय रहते पशुओं पर ज्यादा ध्यान देंगे तो वे परेशानी और आर्थिक नुकसान से खुद को बचा जा सकेंगे. साथ ही पशु भी हेल्दी रहेंगे. पशुपालकों को चाहिए कि वे अपने पशुओं के टीकाकरण पर जरूर ध्यान दें. केन्द्र और राज्यों की सरकार द्वारा पशुपालकों के लिए चलाई जा रहीं योजनाओं का लाभ लें. पशु स्वास्थ्य केन्द्रों पर पशु का इलाज करने की सुविधा दी जाती है. हैल्प लाइन पर सिर्फ एक कॉल करने पर ही डॉक्टर और पैरा वैट की टीम पहुंच जाती है.

सर्दी में इन बातों पर जरूर दें ध्यान
—संतुलित आहार देने के साथ ही मिनरल मिक्चर खिलाने पर भी ध्यान दें.
—गाय-भैंस को जल्दी हीट में लाने के लिए मिनरल मिक्चर अवश्य खिलाएं.
—डॉक्टर की सलाह पर पशु के पेट के कीड़ों की दवाई जरूर खिलाएं.
—बरसीम के साथ सूखा चारा मिलाकर खिलाएं, अगर ऐसा नहीं करेंगे तो पशु को अफरा हो सकता है.
—दुधारू पशुओं को थैनेला रोग से बचाने के लिए अपने डाक्टर की सलाह जरूर लें.
—जई की फसल में पहला पानी 20 से 25 दिन पर लगाएं.
—जाड़ों में बरसीम की फसल में 15 से 20 दिन के अंतर पर पानी लगाएं.
—पूरा दूध निकालने के बाद पशु के थन कीटाणु नाशक घोल में जरूर डुबाएं.
—दिसंबर में पड़ने वाली सर्दी में पशुओं को सर्दी से बचाने का इंतजाम जरूर करें.
—बछड़े को बैल बनाने के लिए छह महीने की उम्र पर उसे बधिया करा दें.
—सर्दी के मौसम में ज्यादातर भैंस हीट में आती हैं, ऐसा होते ही पशु को गाभिन कराएं.
—भैंस को मुर्राह नस्ल के नर से या नजदीकी केन्द्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं.
—भैंस बच्चा देने के 60-70 दिन बाद दोबारा हीट में ना आए तो फौरन ही जांच कराएं.
—पशुओं को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए बाड़े में दवाई का छिड़काव करें.

एनओएचएम के तहत होंगे कई काम
—भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे नेशनल वन हैल्थ मिशन यानी एनओएचएम के तहत कई काम किए जाएंगे. जिसमे नेशनल और स्टेट लेवल पर —महामारी की जांच को संयुक्त टीम बनाई जाएंगी.महामारी फैलने पर संयुक्त टीमें रेस्पांस करेगी.
—नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की तरह से सभी पशुओं के रोग की निगरानी का सिस्टम तैयार किया जाएगा.
—मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम होगा. जैसे नंदी ऑनलाइन पोर्टल और फील्ड परीक्षण दिशा निर्देश हैं.
—महामारी फैलने से पहले लोगों को उसके बारे में चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाने पर काम होगा.
—नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर जल्द से जल्द महामारी की गंभीरता को कम करना.
—प्राथमिक रोगों के टीके और उसका इलाज विकसित करने के लिए तय अनुसंधान कर उसे तैयार करना.
—रोग का पता लगाने के तय समय और संवेदनशीलता में सुधार के लिए जीनोमिक और पर्यावरण निगरानी फार्मूले तैयार करना जैसे काम होंगे.

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