नई दिल्ली. भारत की मेजबानी हुए क्षेत्रीय एशिया-प्रशांत डेयरी सम्मेलन में इंडियन डेयरी कारोबार को किस तरह से आगे ले जाया जाए इसको लेकर चर्चा हुई. वहीं इस सम्मेलन में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के भारत में प्रतिनिधि ताकायुकी हागिवारा ने अपनी ओर से सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर को बढ़ाने के जरूरी है कि चारा उत्पादन बढ़ाया जाए. वहीं चारा उत्पादन में जमीन और पानी की निर्भरता को कम करना भी बेहद ही अहम है. इसके अलावा पशुओं की बीमारी के बारे में पता लगाना और उसका निदान भी जरूरी है. लंपी और इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) जैसी बीमारियों से बचाने पर काम करना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक होने के नाते भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. भारत आज के इस दौर में दूध उत्पादन में नंबर वन है तो इसका श्रेय काफी हद तक ऑपरेशन फ्लड को जाता है. जबकि भारत के सामने आई चैलेंज भी है. उन्होंने कहा कि भारत में क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से जुड़ा हर तरह का समर्थन भारत के डेयरी सेक्टर को दिया जाएगा. लेकिन इसके लिए हमे मिल जुलकर प्रयास करना होगा. बताते चलें कि कोच्चि, केरल में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (IDF) द्वारा पहले क्षेत्रीय डेयरी सम्मेलन एशिया प्रशांत 2024 का आयोजन किया जा रहा है.
100 करोड़ लोगों जुड़े हैं इस सेक्टर से
इस सम्मेलन का विषय डेयरी में किसान से जुड़े नए-नए प्रयोग पर चर्चा हो रही है. ये सम्मेलन 28 जून तक चलेगा. नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. वहीं इस दौरान एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने कहा कि डेयरी केवल एक उद्योग नहीं है, यह दुनियाभर में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों की जरूरत को पूरा करने वाला सेक्टर है. बहुत से लोगों की रोजी—रोटी जुड़ी है. रूरल एरिया की अर्थव्यवस्था इससे जुड़ी है. उन्होंने बताया कि डेयरी क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि, डिजिटलीकरण, टिकाऊ प्रथाओं और जलवायु कार्रवाई जैसे अत्याधुनिक विषयों पर चर्चा की जाएगी.
महिलाओं की भूमिका है अहम
आईडीएफ की डायरेक्टर जनरल लॉरेंस रेकेन ने कहा कि डेयरी सेक्टर में किसानों का अहम किरदार है लेकिन इसमें भी डेयरी सेक्टर से जुड़ी महिलाओं भूमिका बहुत ज्यादा अहम है. आईडीएफ के प्रेसिडेंट पियरक्रिस्टियानो ब्राज़ेल ने भी अपने संबोधन में डेयरी से जुड़ी महिलाओं की जमकर तारीफ की. डीजी लॉरेंस रेकेन ने जलवायु परिवर्तन के बारे में कहा कि डेयरी सेक्टर के सामने ये एक बड़ी मुश्किल है. बढ़ते इसके असर की वजह से आबादी का पेट भरना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए ये भी जरूरी है कि किसानों की स्टार्टअप के साथ जोड़कर की जाए.
दूध उत्पादन में हो रही है वृद्धि
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हमें गर्व है कि भारत पहले क्षेत्रीय एशिया-प्रशांत डेयरी सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. वर्तमान में भारत दुनिया के लगभग एक-चौथाई दूध का उत्पादन करता है और दूध उत्पादन में वृद्धि दर वैश्विक औसत से दोगुनी से भी ज्यादा है. साथ ही उन्होंने बताया कि तीन दिन के इस सम्मेलन में भारत सहित 25 देशों के करीब 700 एक्सपर्ट, शिक्षाविद, डेयरी पेशेवर और गणमान्य व्यक्ति और करीब 500 किसान शामिल हो रहे हैं.
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