नई दिल्ली. रेगिस्तानी क्षेत्रों में चरागाह विकास के लिए तीन बहुवर्षिय उपयुक्त घासें मानी जाती हैं. ये सेवण, घामन और मोडा घामन हैं. सेवण घास बीकानेर और जैसलमेर जिलों हेतु उपयुक्त है. घामन घास व मोडा घामन सभी जगह उगाई जा सकती है, लेकिन इनकी पानी की आवश्यकता सेवण घास से अधिक होती है. इनको चरागाह स्थापित करने के लिए इनके बीज या पौधे का जड़ सहित कुछ हिस्सा काम में लिया जा सकता है. बरसात की शुरुआत होते ही चरागाह विकास करने वाली जमीन को जुताई करके तैयार कर लेते हैं. बीज की मात्रा सेवण घास के लिए 6 किलोग्राम हेक्टेयर व घामन व मोडा घामन के लिए 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखी जाती है.
एक्सपर्ट के मुताबिक पंक्ति से पंक्ति की दूरी सेवण घास में 75 सेमी व अन्य दो घासों में 50 सेमी रखी जाती है. पौधे से पौधे की दूरी 50 सेमी रखी जाती है. यदि इन घासों की जड़ सहित तने के हिस्से द्वारा चरागाह विकसित किया जाता है तो भी उपरोक्त पंक्ति से पंक्ति व पौधे से पौधे की दूरी रखी जाती है. बीज द्वारा बुवाई करने पर बीज को एक दिन पहले पानी में भिगो देते है और दूसरे दिन भिगाये हुए बीजों को गीली रेत, गोबर व चिकनी मिट्टी में मिला कर गोलियां बना ली जाती है.
इस तरह डालें बीज
हर गोली में 2-3 बीज रहने चाहिए. गीली रेत, गोबर व चिकनी मिट्टी की बराबर मात्रा लेते हैं. इन गोलियों को सूखा लेते हैं. बुवाई के लिए पंक्तियों में हल चलाकर इन गोलियों को रख देते हैं और ऊपर थोड़ी मिट्टी डाल देते हैं. बीज की गहराई जमीन में 1 सें.मी. से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. रखी हुई गोलियों में बीजों को जमीन में नमी मिलने से उनका अंकुरण हो जाता है. जड़ वाले पौधे के हिस्से लगाने के लिए जड़ की लम्बाई 5-7 सेमी कम से कम होनी चाहिए तने का हिस्सा करीब 20 सेमी होना चाहिए. अच्छा चारागाह विकसित करने के लिए जमीन में शुरूआत में 40 किलोग्राम नत्रजन व 20 किग्राम फॉसफोरस प्रति हेक्टर की दर से देना चाहिए.
बारिश के बाद तीनों घास करें कटाई
खरपतवार समय समय पर निकालते रहने चाहिए. ये तीनों घास इस प्रकार की हैं कि वर्ष में बारिश के बाद भी इनकी और कटाई ली जा सकती है, लेकिन एक से अधिक कटाई एक वर्ष में तभी संभव होती है जब वर्षा होती है. या किसान अपने माध्यम से इनमें सिंचाई करते हैं. वर्षा के साथ लगातार सिंचाई देकर सेवण घास से एक वर्ष में 3-4 कटाई व धामन व मोडा धामन घास से 5-7 कटाई ली जा सकती है. प्रत्येक कटाई से 150-200 क्विंटल है. व मोडा धामन घास से लगभग 100-150 क्विंटल है. चारे की पैदावार मिलती है. मोडा धामन घास भेड़ बकरियों के लिए उपयुक्त है.
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