नई दिल्ली. अंडे का उच्च पोषक मूल्य माइक्रोबियल संक्रमण को आकर्षित करता हैं, इसलिए माइक्रोबियल संक्रमण को रोकने के लिए, उन्हें उच्च तापमान में ले जाया जाता है. इसके बाद इसे तेजी से कम तापमान पर ठंडा किया जाता हैं. इस प्रक्रिया को पेस्टराइजेशन कहा जाता है. इसके बाद उन्हें या तो सीधे पैक किया जाता है या आवश्यकता के अनुसार आगे संसाधित किया जाता हैं, जैसे पाउडर बनाने के लिए फ्रीजिंग ड्राइंग आदि के लिए. यहां बताने मतलब है कि ये कंज्यूमर्स तक अंडा जब पहुंचता है कई प्रक्रिया से गुजरता है.
पहले अंडे के पाउडर को पानी की वांछित मात्रा में मिलाकर फिर से बनाया जा सकता हैं. पेस्टराइजेशन के बाद सफेद, जर्दी या पूरे अंडे को सुखाने के विभिन्न तरीकों की मदद से सुखाया जा सकता हैं. आमतौर पर अंडों को सुखाने के लिए स्प्रे ड्राइंग की विधि का उपयोग किया जाता हैं. पाश्चरीकृत तरल अंडे को ड्राइंग कक्ष में एक उच्च दबाव नलिका या एटमाइज़र के माध्यम से स्प्रे बनाने के लिए डाला जाता हैं. सुखाने के लिए कक्ष में गर्म हवा डाली जाती हैं. चूर्णित अंडे को ठंडा करके उपयुक्त पैकेजिंग सामग्री में पैक किया जाता हैं.
अंडो को फ्रीजिंग क्या है
साथ फ्रीज नहीं किया जा सकता क्योंकि जमने पर तरल पदार्थ के विस्तार के साथ अंडे का छिलका फट जाएगा. इसलिए, अंडे का पूरा तरल या इसे सफेद और जर्दी में अलग कर फ्रीज किया जाता हैं. फ्रीज अवस्था में अंडों के संक्रमण को कम करने के लिए आम तौर पर अंडे के छिलके को तोड़ने से ठीक पहले छिलके को धोया जाता हैं और फिर जितनी जल्दी हो सके फ्रीज किया जाता हैं. पूरे अंडे या जर्दी को भौतिक और कार्यात्मक गुणों में परिवर्तन के बिना 3.5 से 4 मिनट के लिए 60-61.5 डिग्री सेल्सियस पर पाश्चरीकृत किया जाता हैं. अंडे की सफेदी अधिक तापमान के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं और पाश्चरीकरण तापमान में आसानी से जम (कोगुलेट होना) जाती हैं.
4 डिग्री सेल्सियस पर रखते हैं
पेस्टराइज किये गए पूरे तरल या दोनों अलग-अलग भागो को उपयुक्त कंटेनर में रखा जाता हैं और 29 डिग्री सेल्सियसपर परिचालित हवा के साथ फ्रीजर रूम में जमाया जाता है. जमने की प्रक्रिया 48-72 घंटों में पूरी होती है. फिर भंडारण के दौरान यथासंभव कम से कम तापमान रखा जाता है. -1 से -2 डिग्री सेल्सियस पर रखे जाने पर अंडे के उत्पादों की शेल्फ लाइफ 3-4 महीने तक हो सकती हैं. उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए तरल अंडे को पाश्चरीकरण से पहले भी 4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रखा जाता हैं. अंडा प्रोसेसिंग उद्योग खाद्य सुरक्षा में सुधार के लिए एक उच्च अवसर हैं क्योंकि उपभोक्ताओं के लिए रोगाणु संक्रमण मुख्यतः साल्मोनेला अभी भी एक महत्वपूर्ण जोखिम हैं.
Leave a comment