Home पोल्ट्री Poultry: तेजी से बढ़ रहा है अंडे और ब्रॉलयर का उत्पादन, यहां पढ़ें आंकड़े
पोल्ट्री

Poultry: तेजी से बढ़ रहा है अंडे और ब्रॉलयर का उत्पादन, यहां पढ़ें आंकड़े

Poultry, Poultry Farming in India, Egg Production, Egg Rate, Chicken Rate, livestockanimalnews
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. देश में जहां फसलों का उत्पादन हर साल 1.5 से 2 फीसदी की से बढ़ रहा तो वहीं अंडे का और ब्रॉलयर का उत्पादन 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. पिछले दो दशकों में भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र एक विशाल उद्योग के रूप में विकसित होता चला जा रहा है. जिसका फायदा पोल्ट्री कारोबार से जुड़े लोगों को मिल रहा है. यही वजह है कि इस कारोबार से तेजी के साथ लोगों का जुड़ाव भी हो रहा है और लोग इससे फायदा भी उठा रहे हैं. आने वाले समय में इसमें और इजाफा होगा.

केंद्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग के मुताबिक देश में अंडे और ब्रॉयलर उत्पादन प्रति वर्ष 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. साल 2022-23 में भारत ने 57 से अधिक देशों को 464753.46 में पोल्ट्री उत्पादन का निर्यात किया था. इसका इसके मूल्य की बात की जाए तो 1081.62 करोड रुपये यानी 134.004 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.

प्रमुख वैश्विक उत्पादक बना भारत
वहीं निर्यात बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से 33 पोल्ट्री कंपार्टमेंटों को एवियन इन्फ्लूएंजा
से मुक्त माना गया है. विभाग इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयास में जुटा है. भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र अब कृषि का एक अभिन्न अंग हो गयाा है. इसने प्रोटीन और पोषण संबंधी जरूरत को पूरा करने के महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जहां फसलों का उत्पादन प्रति वर्ष 1.5 से 2 फीसदी की दर से बढ़ रहा है तो अंडे और ब्रायलर का उत्पादन प्रति वर्ष 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. पूर्ति क्षेत्र विकसित हुआ है कि भारत को अंडे और बॉयलर मांस के प्रमुख वैश्विक उत्पादक के रूप में स्थापित करने में मदद मिली है.

लगातार किया जा रहा है काम
पशुपालन एवं डेयरी विभाग का कहना है कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की जा रही है. इस कड़ी में विभाग ने पिछले साल जिससे सबसे ज्यादा रोग बढ़ता है इन्फ्लूएंजा से मुक्ति खुद ही घोषणा कर दी थी. वैधता के आधार पर विश्व संगठन के 26 विभागों को अधिसूचित किया गया है. पिछले साल ही 13 अक्टूबर 2023 को स्व-घोषणा को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित किया गया था. पिछले वर्षों में चारे की कमी की समस्या को हल करने के लिए विभाग ने काम किया गया था और वो अब भी जारी है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles