नई दिल्ली. पोल्ट्री सेक्टर में कई तरह से कमाई की जाती है. अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग करते हैं तो मीट के लिए ब्रॉयलर मुर्गों को पाला जाता है और उन्हें बेचकर कमाई होती है. जबकि लेयर मुर्गियों से भी अंडे का उत्पादन किया जाता है और इससे अच्छी खासी कमाई होती है. वहीं बहुत से लोग हैचिंग करके भी कमाई करते हैं. हैचिंग से अंडों से चूजे निकाल कर बाजार में बेचा जाता है और फिर इसे अच्छी कमाई होती है. आमतौर पर हैचिंग की प्रक्रिया में अंडों को इंक्यूबेटर में रखा जाता है. इंक्यूबेटर में अंडों को सही तापमान और ह्यूमिडिटी में रखने के बाद इससे चूजे निकलते हैं और फिर इन्हें मार्केट में बेचकर कमाई की जाती है. बता दें कि हैचरी के आकार के मुताबिक ज्यादा अंडों का उत्पादन होता है और ज्यादा मुनाफा मिलता है.
वहीं मुर्गियां भी अंडों को सेती हैं और इससे भी चूजे निकलते हैं और बाजार में बेचकर इससे कमाई की जा सकती है. हालांकि कई बार मुर्गियों के अंडे सेने की प्रक्रिया में कुछ लापरवाही हो जाती है. जिसके चलते कई बार मुर्गियों के अंडे हैच नहीं हो पाते हैं. इसकी कई वजह होती है. जिनका जानना हर पोल्ट्री फार्मर के लिए बेहद जरूरी है. नहीं तो अंडे हैच नहीं होंगे और इससे नुकसान होगा. आईए जानते हैं कि इसमें क्या दिक्कत है आती है.
क्या करना है, जानें यहां
पोल्ट्री एक्सपोर्ट का कहना है अंडे की हैचिंग में टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी का खास ख्याल रखना पड़ता है. इसे मेंटेन करना पड़ता है. वहीं अगर अंडे मुर्गी के नीचे रखे हैं तो मुर्गियों को बार-बार डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए. इससे हैचिंग प्रक्रिया प्रभावित होती है और अंडों को जरूरत के मुताबिक गर्मी नहीं मिल पाती है. वहीं 7 से 8 दिन के बाद अंडों की कैंडलिंग की जा सकती है. अगर इनफर्टाइल अंडे हैं तो उन्हें हटा देना चाहिए. ताकि जो अंडे हैच हो सकते हैं, उन्हें जगह मिल सके. अगर आप इन चीजों को फॉलो करते हैं तो हैचिंग प्रक्रिया सही से होगी और इससे आपको बेनिफिट मिलेगा.
इंक्यूबेटर में रखे जाते हैं अंडे
वहीं हैचिंग करने के दूसरे तरीके की बात की जाए तो अंडे खरीद कर हैचिंग करने को रखा जाता है. 18 दिनों तक अंडों को इंक्यूबेटर में रखना पड़ता है. अंडों से चूजे निकालने के बाद उन्हें बाजार में बेचना होता है. हैचिंग प्रक्रिया के बाद अंडों से चूजे निकालकर बाजार में बेचकर आप कमाई कर सकते हैं. इंक्यूबेटर में अंडों को 37.2 डिग्री से 37.8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना पड़ता है. अगर तापमान कम रहता है तो हैचिंग की प्रक्रिया में देरी हो सकती है. इससे चूजे देर में निकल सकते हैं.
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