नई दिल्ली. अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद रहने वाले लोग अंडा जरूर खाते हैं. क्योंकि अंडा प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है. यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन (UP Poultry Association) के एक्सपर्ट का तो यहां तक कहना है कि अंडा प्रोटीन का सबसे सस्ता सोर्स है. इसलिए लोगों की डाइट में अंडा होना ही चाहिए. कई राज्यों में अंडा मिड डे मील में छात्रों को भी दिया जाता है. हालांकि इसे पूरे देश में लागू कराने के लिए पोल्ट्री से जुड़े संगठन कोशिश करते रहते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि प्रोटीन के लिए अंडा लोगों को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए.
आपको बता दें कि जहां अंडा प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है तो वहीं इसको लेकर वेज और नॉनवेज की बहस भी छिड़ी रहती है. इसलिए लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) यहां आपको अंडा उत्पादन का पूरा प्रोसेस बताएगा.
कंकड़-पत्थर क्यों दिया जाता है
पोल्ट्री एक्सपर्ट और यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया कि जिस तरह से एक गाय और भैंस भूसा की सानी खाकर सुबह-शाम दूध देती है, ठीक उसी तरह से मुर्गियां दिन में तीन से चार बार फीड (दाना) खाकर सुबह के वक्त अंडा देती हैं.
बाजार में 6 से 7 रुपये वाले अंडे को देने के लिए मुर्गियों का मुर्गे के संपर्क में आना कतई जरूरी नहीं है.
इसके लिए अगर कोई चीज जरूरी है तो वो है उनका फीड और फीड खाकर भी यह अपनी मर्जी से ही अंडा देती हैं.
बता दें कि जब अंडे का कारोबार शुरू किया जाता है तो शुरुआत के चार से पांच महीने तक अंडा देने वाली मुर्गी को पाला जाता है.
मुर्गी पालने के लिए चूजा (चिक्स) बेचने वाली हैचरी से एक दिन का चूजा खरीदा जाता है. इस चूजे की कीमत 40 से 45 रुपये तक होती है.
एक्सपर्ट के मुताबिक इन्हें शुरू से ही अच्छा फीड दिया जाता है. लेकिन इस दौरान एक बार भी इनका संपर्क मुर्गों से नहीं कराया जाता है.
ये साफ है कि अंडा देने वाली मुर्गी के दड़बे में मुर्गा ही नहीं है तो फिर अंडा नॉनवेज भी नहीं हो सकता है.
अंडा देने वाली मुर्गी अगर मुर्गे के संपर्क में आई होती तो उसे हर रोज दाने के साथ कंकड़-पत्थर का पिसा हुआ चूरा मिलाकर खिलाने की जरूरत नहीं पड़ती.
बिना कंकड़-पत्थर के मुर्गियों को दाना भी नहीं खिलाया जाता है. मुर्गी में कैल्शिययम की कमी को दूर करने के लिए ऐसा किया जाता है.
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