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Egg: खोआ से सस्ती और हेल्दी है अंडे से बनी ये मिठाइयां

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अंडे से बनी मिठाइयां.

नई दिल्ली. अंडे से बने बर्थडे केक तो आपने खूब खाए होंगे लेकिन क्या आपने कभी अंडे से बनी मिठाइयां भी खाई हैंं, ये पढ़कर कहीं चौक तो नहीं गए आप. जी हां अंडे से मिठाइयां भी बन सकती हैं और यह खोआ से बनी मिठाइयों से बेहद सस्ती और हेल्दी भी मानी जाती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली में अंडे से बनी मिठाइयां तैयार की जाती हैं और इन्हें बेचा भी जाता है. अगर कोई कारोबार शुरू करने के लिए इन मिठाइयों के बनाने का तरीका सीखना चाहता है तो वह सीख भी सकते हैं और अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं.

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक बेहतरीन माध्यम हो सकता है, नए तरह के रोजगार को शुरू करने का. ये एक बेहतरीन अवसर है और लोगों को अंडे से बनी मिठाइयों का अलग टेस्ट भी आएगा. वही अंडे से बनी मिठाइयां सस्ती भी हैं, साथ ही खाने में बेहद हेल्दी भी हैं. संस्थान के अफसरों का कहना है कि बहुत से लोग मिठाइयां बनाने का तरीका सीखते हैं. कई ऐसे दुकानदार हैं जो खोआ से बनी मिठाइयां बेचते थे और अब अंडे से बनी मिठााइयां भी बेचते हैं और लोग इसे चाव से खाते हैं.

कितनी तरह की बनती है मिठाइयां
केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर में जो मिठाइयां अंडे से बनती हैं, उसमें एग पेड़ा 390 रुपये प्रति किलोग्राम है. एग सॉसेज 250 रुपए प्रति किलोग्राम है. एग रबड़ी मलाई 500 रुपये की एक किलो है. एग रसमलाई की भी कीमत 500 रुपये प्रति किलो है. अंडे से बनी रबड़ी मलाई को लोग 500 प्रति किलो लेकर बड़े ही चाव के साथ खाते हैं. अंडे से बनी रसमलाई 500 किलो​ बिकती है और मल्टीग्रेन बिस्किट 40 प्रति नग बेचा जा सकता है. इसको बनाने वाले एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार बाजार में नकली खोआ से मिठाइयां बनाई जाती हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह है. जबकि अंडे से बनी मिठाई फायदेमंद हैं.

आप शुरू कर सकते हैं ये कारोबार
अंडे के अलावा चिकन से बनी चिकन बड़ी 350 रुपये प्रति किलोग्राम बेची जा सकती है. बटेर के अंडे का अचार 40 प्रति नग बेचा जाता है. चिकन मीट बाइट्स 130 की 200 ग्राम, चिकन सॉसेज 150 रुपए का 200 ग्राम बेचा जा सकता है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पोल्ट्री कारोबार का या भी एक पहलू है. जिसके जरिए कमाई की जा सकती है. ऐसे भी सरकार पशुपालन, पोल्ट्री फार्मिंग और फिश फार्मिंग को लेकर बहुत सीरियस है. वह चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इन कारोबारों से जुड़े और अपनी इनकम को दोगुना और तीन गुना कर लें.

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