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Meat: इन फलों के छिलके खिलाने बढ़ जाएगी पशुओं के मीट की क्वालिटी, हेल्दी भी हो जाएंगे पशु

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि कृषि-वेस्ट को पशु आहार में सफल रूप से बिना किसी नुकसान के शामिल कर सकते हैं. फिलीपींस में 5000 फीडलॉट बीफ मवेशियों पर किए गये एक अध्ययन से पता चला था कि अगर अनानास की खली को 90% और 10% कंसन्ट्रेट मिश्रण जानवरों को खिलाया जाये, तो 600-700 ग्राम/दिन की वजन वृद्धि, ग्रोइंग और फिनिश्ड स्टीयर में मिल सकती हैं. आम के बीज गुठली जैसे आम के उप-उत्पादों में 6% डी सी पी, 70% टी डी एन, और 5-7% टैनिन होते हैं और इन्हें पशुधन राशन में एक घटक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

रिसर्च में ये नतीजा निकलकर सामने आ चुका है कि सूखे सेब के पोमेस में 7.7% प्रोटीन (सीपी) और 5.0% ईथर का अर्क (ईई) होता हैं और इसमें 1.86 मैकल मेटाबोलाइज़ेबल एनर्जी (एम ई) / किग्रा डीएम और 1.06-1.12 मैकल शुद्ध ऊर्जा (एनई)/किग्रा डी एम होती हैं. इसे आहार में 15 फीसदी मिलाने पर बेहतर रिजल्ट मिल सकता है. एक्सपट कहते हैं कि कृषि वेस्ट पशुओं को देने के कई फायदे हैं.

कृषि-अपशिष्ट एवं एंटीऑक्सिडेंट
आहार संबंधी एंटीऑक्सिडेंट फल, सब्जियां, नट और बीज सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाए जा सकते हैं. हालांकि, इनमें से कई स्रोत महंगे हैं और आसानी से उपलब्ध नहीं हैं. खासकर विकासशील देशों में तो बहुत मुश्किल का है. कृषि-वेस्ट एंटीऑक्सिडेंट के प्रचुर और सस्ते स्रोत का सबसे बढ़िया जरिया है. जिनका उपयोग मांस की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जा सकता है. कृषि-खाद्य उद्योग से प्राप्त कृषि-अपशिष्ट को बायोएक्टिव यौगिकों का एक सस्ता स्रोत माना जाता हैं, जिसमें डायट्रीफाइबर, फेनोलिक यौगिक, फैटी एसिड, अमीनो एसिड, प्रीबायोटिक्स, खनिज, विटामिन, कैरोटीनॉयड और अन्य फाइटोकेमिकल्स शामिल हैं.

इन फलों के छिलके हैं बेहतरीन सोर्स
छिलके, खली और बीज के अंश फलों और सब्जियों के मुख्य सह-उत्पाद हैं. माना जाता हैं की फलों के न खाने वाले भाग में उनके खाने वाले भाग की तुलना में समान या उससे भी अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट घटक और पोषण सामग्री होती है. शोध में, कृषि-वेस्ट अंशों में बायोएक्टिव यौगिकों में एंटीऑक्सिडेंट गतिविधि के साथ-2, बेहतर फाइटोकेमिकल प्रोफाइल पाया गया है. कई अध्ययनों में कृषि-वेस्ट की आहारीय प्रति ऑक्सीकारकों के स्रोत के रूप में उनकी क्षमता के लिए जांच की गई है. जिनमें आम का छिलका, अनार का छिलका, टमाटर एवं सेब का अपशिष्ट शामिल हैं. इनमें पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनॉयड्स सहित कई बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं.

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