नई दिल्ली. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चल रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले मछुआरों को 9 महीने तक आर्थिक मदद की जाती है. वहीं मछुआरे अगर किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं तो दुर्घटना बीमा के तहत उनको मदद पहुंचाई जाती है. सरकार का मानना है कि इन कामों से मछली पालन को बढ़ावा दिया जा सककता है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग मछली पालन के काम में आगे आएंगे और मछली पालन करके न सिर्फ अपनी आजीविका चलाएंगे बल्कि देश के विकास में भी भागीदार बनेंगे.
अगर आप भी गरीबी रेखा के नीचे हैं और आप मछली पकड़ने का काम करते हैं तो सरकार से 9 महीने तक आर्थिक सहायता हासिल कर सकते हैं. वहीं किसी दुर्घटना का शिकार होने पर बीमा का फायदा भी उठा सकते हैं. सरकार इन दोनों योजनाओं को मछुआरों की मदद के लिए चला रही है. फिर देर किस बात की है आइए, जानते हैं योजना के बारे में. आपको बता दें कि सरकार मछुआरा कल्याण कार्यक्रम के तहत मदद कर रही है.
सेविंग कम रिलीफ
सेविंग कम रिलीफ योजना में मत्स्याखेट अवधि में मत्स्य सहकारी समितियों के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सक्रिय मछुआरा सदस्यों से 9 माह तक समान किस्तों में दिया जाता है. इसके तहत हर महीने 1500 रुपए मछुआरों को दिया जाता है. भारत सरकार और राजस्थान की राज्य सरकार द्वारा 3 हजार रुपए बराबर अनुपात में सहायता उपलब्ध करायी जाती है. इस प्रकार कुल जमा की गई रकम 4500 को मत्स्य निषेध ऋतु 3 माह में 1500 रुपए प्रति माह मछुआरों को दी जाती है.
मछुआरों का सामूहिक दुर्घटना बीमा
मछुआरों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के मद्दनेजर राज्य के सक्रिय मछुआरों का सामूहिक दुर्घटना बीमा करवाया जाता है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत मछुआरों से बीमा प्रीमियम की राशि नहीं ली जाती है. राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा क्रमशः 50:50 के आधार पर बीमा प्रीमियम की राशि का वहन किया जाता है. बीमा का फायदा पाने वाले मछुआरों की दुर्घटना में मौत या फिर पूर्ण स्थाई विकलांगता होने पर रूपये पांच लाख रुपए तथा आंशिक स्थाई विकलांगता पर रूपये ढाई लाख की मदद की जाती है. जबकि अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रुपए की मदद की जाती है.
साइकिल आइस बॉक्स सहित
वहीं एक अन्य योजना के तहत साइकिल आइस बॉक्स के लिए सरकार 10 हजार रुपए की लागत पर सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानि 4 हजार रुपए और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग व सभी महिलाओं व सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत यानि 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद कर रही है.
Leave a comment