नई दिल्ली. मछलियों को चारा देना जरूरी होता है और यह भी जरूरी होता है कि उन्हें किस तरह का चारा दिया जाए. जिससे उनकी ग्रोथ अच्छी हो और बेहतर प्रोडक्शन मिले. ताकि मछली पालकों को इससे फायदा मिल सके. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि अच्छी क्वालिटी के फीड के अलावा इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि मछलियों को किस तरह से चारा दिया जाए. यह जानना भी मछली पालन के लिए बेहद जरूरी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि चारा खिलाने का तरीका भी उतना ही जरूरी है जितनी कि उसकी गुणवत्ता. तभी अच्छा चारा देने का फायदा मिलेगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक हमेशा ही एक निश्चित जगह पर चारा डालना चाहिए. इसका फायदा ये होता है कि इससे मछलियां उस जगह को पहचानने लगती हैं और नियमित रूप से वहीं पर आकर फीड को खाना शुरू कर देती हैं. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान दें कि चारा धीरे-धीरे फैलाना चाहिए. ताकि यह सभी मछलियों तक पहुंच सके और कोई भी मछली ऐसी न रहे, जिसे चारा न मिले और वह भूखी रह जाएं. क्योंकि अगर मछलियां भूखी रह गईं तो इससे उनकी ग्रोथ पर असर पड़ता है.
हाई क्वालिटी ग्रोथ सप्लीमेंट दें
अगर आप मछलियों की ग्रोथ को और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं तो हाई क्वालिटी ग्रोथ सप्लीमेंट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. बाजार में हाई क्वालिटी ग्रोथ सप्लीमेंट उपलब्ध होता है. अगर आप मछली पालन के काम में नए हैं तो अनुभवी मछली पालक से इस बारे में जानकारी कर सकते हैं कि किस कंपनी का हाई ग्रोथ सप्लीमेंट खरीदा जाए जिससे मछलियों की ग्रोथ अच्छी हो. वहीं पानी में हलचल बनाए रखने से ऑक्सीजन की मात्रा तालाब में बेहतर रखनी चाहिए. बड़े तालाब में एयरेटर चलाने की जरूरत पड़ती है, जिससे मछलियां ज्यादा एक्टिव रहती हैं और जल्दी वजन बढ़ाती हैं.
प्लैंक्टन तैयार करना होता है जरूरी
एक्सपर्ट कहते हैं कि जैसे-जैसे मछलियां ज्यादा बड़ी होती हैं उन्हें अच्छे पोषण और बेहतर माहौल की जरूरत होती है. अगर तालाब में नेचुरल फूड यानी प्लैंकटन सही मात्रा में बना रहेगा तो मछलियों की ग्रोथ तेज के साथ होती है. इससे आपका चारे का खर्च भी कम हो जाता है, जिसका सीधा सा मतलब है कि फिश फार्मिंग की लागत कम आती है और इसका फायदा आपको मिलता रहता है. हर 15 दिन में तालाब में प्लैंक्टन तैयार करना बेहद जरूरी होता है. जिसके लिए गोबर यूरिया और सुपर फास्फेट का सही मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए.












