Home पशुपालन See Weed: हाई क्वालिटी समुद्री शैवाल की खेती का सीड होगा इंपोर्ट, सरकार ने दी परमीशन
पशुपालन

See Weed: हाई क्वालिटी समुद्री शैवाल की खेती का सीड होगा इंपोर्ट, सरकार ने दी परमीशन

सी वीड का यूज बायोफर्टिलाइजर, फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन, पशु आहार और जैव ईंधन में भी किया जाता है.
प्रतीकात्मक खबर।

नई दिल्ली. समुद्री शैवाल की खेती में बंपर कमाई है. सरकार समुद्री शैवाल की खेती को अपनाने के लिए बढ़ावा देने के लिए अब बेहद जोर दे रही है.समुद्री शैवाल की खेती को सी वीड फार्मिंग कहते हैं. ये एक एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें समुद्री शैवाल को उगाया और काटा जाता है. जो बायोफर्टिलाइजर, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य, कॉस्मेटिक, एनीमल फीड और जैव ईंधन के लिए उपयोगी होते है. देश में समुद्री शैवाल (सीवीड) की खेती की काफी संभावना है. सेन्ट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट(आईसीएआर-सीएमएफआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश में कुल सी वीड उत्पादन 72,385 टन (गीला वजन) था. मुख्य कृषि की जाने वाली प्रजातियां कप्पाफिकस अल्वारेजी और ग्रेसिलेरिया एडुलिस हैं, जिसका व्यापक रूप से कैरेजीनन और अगर उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है.


जून 2020 में देश में मात्स्यिकी क्षेत्र को उन्नत करने के लिए 20,050 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) एक योजना शुरू की. पीएमएमएसवाई के तहत सी वीड कल्टीवेशन को बढ़ावा देना प्राथमिकता वाली गतिविधियों में से एक है. सी वीड विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है और लक्षद्वीप द्वीप समूह को सी वीड क्लस्टर के रूप में नामित किया गया है. ये जानकारी मंत्रालय द्वारा दी गई.

इनमें यूज होता है सी वीड: सी वीड का यूज बायोफर्टिलाइजर, फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन, पशु आहार और जैव ईंधन में भी किया जाता है. मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने 98.97 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंशदान के साथ 194.09 करोड़ की लागत वाली सी वीड परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिसमें पीएमएमएसवाई के तहत विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थियों को राफ्ट, मोनोलाइन/ट्यूबनेट की स्थापना, तमिलनाडु में एक मल्टीपर्पस सी वीड पार्क की स्थापना, सी वीड की फार्मिंग परपू र्व-व्यवहार्यता मूल्यांकन अध्ययन, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए प्रदान की गई सहायता शामिल है. इसके अलावा आईसीएआर-सेन्ट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीएमएफआरआई) के मंडपम क्षेत्रीय केंद्र को सी वीड विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है और लक्षद्वीप द्वीप समूह को सी वीड क्लस्टर के रूप में नामित किया गया है.

हाई क्वालिटी का सीड इंपोर्ट होगा: मछली पालन विभाग ने तमिलनाडु, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप में सी वीड सीड बैंकों की स्थापना के लिए पीएमएमएसवाई के तहत परियोजनाओं को स्वीकृति दी है. 21 अक्टूबर 2024 को मत्स्यपालन विभाग भारत सरकार ने भारत में लाइव सी वीड के इंपोर्ट के लिए गाइड लाइन जारी की, जिससे हाई क्वालिटी वाले सीड के इंपोर्ट करने की परमिशन मिली है.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: लंपी स्किन डिजीज से कैसे पशु को बचाएं, लक्षण क्या हैं जानें इस बारे में

लंपी स्किन डिसीज पशुओं की एक वायरल बीमारी है, जो कि पॉक्स...

goat farming
पशुपालन

Goat Farming: बकरियों की रुकी ग्रोथ को कैसे बढ़ाएं, जानें क्या खिलाएं

बकरियों को असालिया खिलाते हैं तो उनका पाचन सुधरता है और रोग...