Home मछली पालन Fish Farming: जानें मछली पालन में तालाब के पानी की कैसे करें देखरेख, इसका पूरा मैनजमेंट पढ़ें
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Fish Farming: जानें मछली पालन में तालाब के पानी की कैसे करें देखरेख, इसका पूरा मैनजमेंट पढ़ें

मछली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो पूरे मछली के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
तालाब में पाली गई मछली की तस्वीर.

नई दिल्ली. कई बार मछली पालन में इस वजह से भी नुकसान उठाना पड़ जाता है कि लोग इसको बेहद ही आसान समझते हैं कि तालाब में बीज डाल दो और 2 साल के इंतजार के बाद मछलियां बड़ी हो जाएंगी, लेकिन यह गलत है. आपको अगर बेहतर उत्पादन चाहिए तो मछलियों की देखरेख करनी पड़ेगी. उनकी देखभाल कैसे की जाए, क्या तरीका अपनाया जाए इन सब चीजों की जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है. मछली पालन सिर्फ कोई सामान्य काम नहीं बल्कि एक ऐसी कला है जिसको समझना और अपने आप में किसी कला से कम नहीं है. इसलिए इसे बेहद ही गंभीरता के साथ करना चाहिए.

फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालने से पहले पानी और मिट्टी को समझना होगा. क्योंकि पानी और मिट्टी से ही मछली उत्पादन का सीधा रिश्ता है. तलाब की मिट्टी और पानी मछली पालन की असली बुनियाद है. अगर ये सही हैं तभी आपकी मछलियां स्वस्थ रहेंगी और तेजी से बढ़ेंगी. क्या आपको तालाब के पानी का सही लेवल मालू है. क्या आप जानते हैं कि पानी का रंग और मिट्टी की उर्वरता मछलियों की सेहत में कितना असर डालती है. बता दें कि यह बेहद अहम और इसे जानना भी बेहद जरूरी है, नहीं तो आपका पैसा खराब हो जाएगा और बिजनेस डूब जाएगा.

बीमार हो सकती हैं मछलियां
बता दें कि तालाब का पानी सिर्फ मछलियों के रहने की जगह नहीं है. बल्कि उनकी सेहत और ग्रोथ का सबसे बड़ा आधार है. अगर आपने पानी को सही तरीके से नहीं संभाल तो तालाब के अंदर डाली गईं मछलियों का विकास रुक जाएगा. मछलियों के अंदर बीमारियां देखने को मिल सकती हैं. इससे उनमें मृत्यु दर भी हो सकती है. पानी की देखरेख मछली पालन की सबसे पहली और अहम प्रक्रिया है. इसका मतलब पानी को मछलियों के लिए उपयुक्त बनाना है. पानी का रंग हल्का हरा होना चाहिए. क्योंकि यह संकेत है कि पानी में नेचुरल प्लैंक्टन है जो मछलियों के लिए नेचुरल फीड होता है.

कितना होना चाहिए पीएच लेवल
वहीं पानी का पीएच लेवल 6.5 से 8 अच्छा होता है. आप इसे पढ़कर सोच रहे होंगे कि ये एक छोटा सा पॉइंट है लेकिन ये सही नहीं है तो मछलियों के लिए पानी जहरीला बना सकता है. नतीजा यह होगा कि मछलियां बीमार होने लगेंगी और आपको नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए पानी के पीएच लेवल को नियमित रूप से जांचते रहना चाहिए. अगर पीएच लेवल बढ़ा हुआ है तो तालाब में सही मात्रा में चूना डालें और अगर कम है तो तालाब के पानी को बैलेंस करने के लिए नेचुरल तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए. तालाब में ऑक्सीजन का सही उत्तर होना जरूरी है. मछलियों के जिंदा रहने और तेजी से बढ़ाने के लिए तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा सही होना चाहिए. इसके लिए आप एयरेटर चला सकते हैं.

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