नई दिल्ली. सरकार की कोशिश है कि मछली पालन के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी की जाए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए. यही वजह है कि बिहार सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत नई पहल की गई है. इस योजना के तहत नए तालाब खुदवाने वाले किसानों को सरकार सब्सिडी मुहैया करा रही है. अगर आप सामान्य वर्ग के किसान हैं तो 50 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी. जबकि अनुसूचित जति और अनुसूचित जनजाति एससी एसटी वर्ग के किसानों को 70 फीसदी तक आर्थिक सहायता देने की बात कही गई है. वहीं अति पिछड़ा वर्ग कि किसानों को 90 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा.
बिहार के मत्स्य विभाग के मुताबिक योजना अधिकतम 2 हेक्टेयर के तालाब खुदवाने के लिए दी जाएगी. किसानों का 7 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलेगी. इसके लिए किसानों को मत्स्य से विभाग में आवेदन करना होगा. आवेदन की जांच के बाद विभागीय अधिकारी मौके पर जाकर जिस जगह पर तालाब खुदवाना है, वहां का निरीक्षण करेंगे. सब सही हुआ तो किसानों को अनुदान राशि दी जाएगी. यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है. जिसकी मदद से वो मत्स्य पालन करके अपनी आजीविका चला सकते हैं.
योजना की डिटेल पढ़ें यहां
सरकार की ओर से न सिर्फ तालाब खुदवाने के लिए ही सब्सिडी दी जा रही है बल्कि मत्स्य विभाग ऐसे किसानों को मत्स्य पालन की ट्रेनिंग लेने के लिए भी अन्य राज्यों में भेजेगी.
इससे किसान क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके मछली पालन कर सकेंगे और ज्यादा उत्पादन करके अपनी कमाई कर सकेंगे. वहीं राज्य की उन्नति में भी किसान सहयोग कर सकेंगे.
इस योजना का फायदा उन किसानों को तो मिलेगा ही जिनके पास अपनी खुद की जमीन है और जिनके पास नहीं है उन्हें भी लाभ मिलेगा.
तालाब खुदवाने के लिए भूमि खरीदने में अगर जो लोग सक्षम नहीं हैं. वो लीज पर जमीन लेकर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.
इसके लिए कम से कम 9 वर्ष की लीज एग्रीमेंट की जरूरत होगी. बताया जा रहा है कि इस नियम से कमजोर वर्ग किसानों को भी फायदा होगा.
ऐसे करें आवेदन
इच्छुक किसानों को जिला मत्स्य विभाग में आवेदन देना होगा. आवेदन के साथ जमीन के कागजात की फोटो कॉपी देनी होगी.
अधिकतम 2 घंटे में तालाब बनाने के लिए अनुदान मिलेगा की सहायता दी जाएगी. जिला मत्स्य विभाग के अधिकारी भूमि का निरीक्षण करेंगे.
इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है. इसमें लाभार्थियों की संख्या पर भी कोई सीमा नहीं लगाई गई है.
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