नई दिल्ली. पशुपालन वैसे तो बेहद ही फायदेमंद कारोबार है लेकिन इसमें ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए पशुओं को हरा चारा देना होता है. जबकि गर्मियों में हरे चारे की कमी हो जाती है. ऐसे में पशुओं को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है. इसको लेकर लुवास यूनिवर्सिटी ने पशुओं के चारा उगाने का निर्णय लिया है. सबसे अच्छी बात ये है कि चारा बंजर जमीन पर उगाया जाएगा. अब जिस 250 एकड़ जमीन पर कुछ भी नहीं उगता था, वहां पर पशुओं के लिए हरा चारा उगेगा.
लुवास अधिकारियों का कहना है कि इससे पशुओं को चारा उपलब्ध होगा. यहां उगाया जाने वाला चारा बेहद ही पौष्टिक होगा. बता दें कि 14 जून को कुलपति प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने नई जेसीबी मशीन का उद्घाटन नारियल चढ़ाने की रस्म के साथ किया था. कुलपति डॉ. वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के नये परिसर में विभिन्न भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और कुछ भवनों का निर्माण पूरा होने के करीब है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के नए परिसर में लगभग 400 एकड़ भूमि को चारा उत्पादन के लिए पशु फार्म में पशुधन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आरक्षित रखा गया है.
विवि की आर्थिक फायदा भी होगा
कुलपति ने आगे कहा कि आंवटित भूमि को कृषि योग्य बनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन इन एकड़ में से लगभग 250 एकड़ भूमि बंजर है. इसलिए यहां के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. जेसीबी मशीन सिंचाई चैनल तैयार करने, चैनलों की सफाई करने, विश्वविद्यालय को कृषि के साथ-साथ सामान्य भूमि को समतल करने का काम करेगी. उन्होंने बताया कि जेसीबी मशीन हरे चारे के अधिक उत्पादन के साथ-साथ अन्य फसल उत्पादन के लिए अनुपयोगी एकड़ भूमि को कृषि योग्य बनाने में सहायक होगी. जिससे विश्वविद्यालय की आय अधिक होगी और पशुधन को पूरे वर्ष हरा चारा उपलब्ध होगा.
पार्क बनाने में भी मिलेगी मदद
इसके अलावा यह मशीन नए परिसर में बागवानी कार्य, हर्बल पार्क व उद्यान पार्क आदि को विकसित करने में मददगार सिद्ध होगी, तथा परिसर में स्वस्थ वातावरण और सौंदर्य वातावरण का विकास होगा. वहीं पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सज्जन सिहाग ने बताया कि विश्वविद्यालय की कृषि भूमि का समतलीकरण और सफाई व बागवानी कार्य को विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय ने नई बैकहो लोडर जेसीबी मशीन खरीदी है. इस उद्घाटन समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डा. गुलशन नारंग, छात्र कल्याण निदेशक डा. पवन कुमार, कुलसचिव डा. सुरेन्द्र सिहं ढ़ाका, निदेशक विस्तार शिक्षा डा. विरेन्द्र पंवार, निदेशक मानव संसाधन प्रबंधक डा. राजेश खुराना, लेंड स्केप ओफिसर व डीन, डेयरी सांइस व टैक्नोलोजी डा. सज्जन सिहाग, व अन्य वैज्ञानिक एवं छात्र मौजूद रहे.
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