Home मछली पालन Fisheries: लाखों में है इस मछली की कीमत, खाने के नहीं इस काम में किया जाता है इसका इस्तेमाल
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Fisheries: लाखों में है इस मछली की कीमत, खाने के नहीं इस काम में किया जाता है इसका इस्तेमाल

नई दिल्ली. भारत में नॉनवेजिटेरियन फूड खाने वालों की भी संख्या लाखों करोड़ों में है. कई हिस्सों में तो इसके बिना काम ही नहीं चलता. आमतौर पर कुछ सौ रुपये किलों में ही मछली मिल जाती है और लोग इसे चाव से खाते हैं, क्या आपने कभी ऐसी मछली के बारे में सुना है जिसकी कीमत लाखों में हो. यहां जिस मछली का जिक्र किया जा रहा है, अगर किसी मछुआरे की जाल में ये मछली आ जाती है तो फिर तो उसकी जिंदगी करवट ले लेती है और वो लखपति बन जाता है.

ये है घोल मछली की पहचान
दरअसल, हम यहां जिस मछली का जिक्र करने जा रहे हैं, उसका नाम घोल मछली है. यह गुजरात में पाई जाती है और इसे गुजरात राज्य की मछली भी घोषित किया जा चुका है. बताया जाता है कि ये मछली की बहुत बड़ी प्रजाति है. भारत में इसकी गिनती बड़ी मछली में होती है. ये गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्र में पाई जाती है. इसका कलर गोल्डन और ब्राउन होता है. इस मछली की डिमांड खाने के लिए काम बल्कि अन्य वजह से ज्यादा है.

बीयर और वाइन बनाई जाती है
घोल मछली से बीयर और वाइन भी बनाई जाती है. इससे बनी बियर वाइन की कीमत काफी ज्यादा होती है. खास बात यह है कि इसके मांस और और ब्लैडर से बियर बनाई जाती है. साथ ही इसके एयर ब्लैडर का इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल्स में भी किया जाता है. इसके एयर ब्लैडर का निर्यात मुंबई से दूसरे देशों को भी किया जाता है. इस मछली के बिजनेस से कई लोगों के घर का चूल्हा जलता है.

गुजरात की है स्टेट फिश
घोल मछली की लंबाई की बात की जाए तो यह डेढ़ मीटर की होती है. डिमांड होने के चलते इसका रेट बहुत ज्यादा है. कहा जाता है कि गुजरात में एक घोल मछली की कीमत पांच लाख रुपये तक है. इतने रुपए में आप विदेश यात्रा भी कर सकते हैं. जिस मछुआरे की थाली में घोल मछली आ जाती है, उसकी किस्मत चमक जाती है. बता दें कि पिछले साल गुजरात के मुख्यमंत्री ने घोल मछली को स्टेट फिश घोषित कर दिया था.

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