नई दिल्ली. ग्वालियर की एक गौशाला को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि अब इस गौशाला में डेस्टिनेशन वेडिंग का काम शुरू किया गया है. यहां पर 20 लाख रुपए की लागत से सांस्कृत मंडप को भी तैयार किया गया है. पहला विवाह 20 जनवरी को कराया भी जा चुका है. जानकारी के मुताबिक विवाह कराने के लिए ब्राह्मणों की व्यवस्था भी गौशाला की तरफ से की गई. गौशाला में वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित कराने वाले परिवार को मेहमानों को भोजन तो देना ही है. साथ ही यहां पल रहे गोवंश को हरा चारा का भंडारा कराना होगा. वहीं यहां होने वाले आयोजन में अधिकतम 500 लोगों को शामिल किए जा सकते हैं.
ग्वालियर के मुरार स्थित लालटिपारा आदर्श गौशाला के संतों ने बताया कि डेस्टिनेशन वेडिंग के दौरान गौशाला में विवाह समारोह का आयोजन, युवा पीढ़ी को संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने की एक पहल है. साथ ही दिन में शादी होने से बिजली या अन्य खर्चों की बचत भी होगी. मंडप तैयार करने वाले संतों ने बताया कि मुगलों के शासन से पहले भारत में दिन में ही विवाह आयोजन होते रहे हैं.
कुटिया में ठहरेंगे मेहमान
आपको बता दें कि शादी के बाद दुल्हन की विदाई महंगी कारों के बजाय बैलगाड़ी में होगी. इसके लिए स्पेशल बैलगाड़ी तैयार की गई है. वहीं वरमाला कार्यक्रम के लिए पालकी भी तैयार किया गया है. यहां आने वाले मेहमानों को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जाएंगे. नशा और फास्ट फूड पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. डिस्पोजल थाली और गिलास की जगह कुल्लढ़ और पत्तल का इस्तेमाल करने की बात कही गई है. यानी पूरी शादी ईको फ्रेंडली मोड में होगी. मेहमानों को ठहरने के लिए 35 से 40 कुटिया बनवाई गई है. एक कुटिया में 10 लोग ठहर सकते हैं.
पहले से हो रहे हैं ये कार्यक्रम
कहा जा रहा है कि ये प्रदेश की पहली गौशाला है, जहां बायो सीएनजी प्लांट भी है. इसका संचालन संत ऋषभ देवानंद महाराज नगर निगम ग्वालियर की मदद से करते हैं. लालटिपारा गौशाला में बन रही सीएनजी का इस्तेमाल निगम के वाहन में किया जाएगा. बाद में शहर वासियों को भी गौशाला से सीएनजी दी जाएगी. बता दें कि यहां शहरवासी जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, पूर्वजों की याद और विशेष अवसरों पर गौशाला जाकर गोवंश के लिए भंडारा आयोजित करते हैं. इसके अलावा स्कूल के बच्चे भी यहां आते रहते हैं. साथ ही समय-समय पर सामाजिक कार्यक्रम भी यहां होता है.
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