नई दिल्ली. हलाल मीट का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. दुनियाभर में खासतौर पर अरब देशों में हलाल मीट की खासी डिमांड है. इसके चलते इस कारोबार बढ़ रहा है. क्योंकि मुस्लिम बंधु शरीयत की मान्यताओं के मुताबिक हलाल मीट का ही सेवन करते हैं. वहीं इस चीज का फायदा उठाने और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए भारत में ही एक्सपोर्ट को व्यवस्थित करने का काम किया गया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने अप्रैल 2023 में मांस निर्यात के लिए हलाल प्रमाणन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना शुरू किया था. उसके बाद, निदेशालय ने हलाल प्रमाणन पर एक विस्तृत दिशानिर्देश अधिसूचित किया है. पहले, भारत में कोई अनिवार्य हलाल प्रमाणन प्रणाली नहीं थी क्योंकि इसमें राष्ट्रीय प्रमाणन रेगुलेशन नहीं था.
हालांकि जब भारत ने नए दिशा-निर्देशों के बाद हलाल मांस निर्यात को सुव्यवस्थित करने की मांग की थी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कहा कि निर्धारित मांस और मांस उत्पादों को 15 देशों में हलाल प्रमाणित के रूप में निर्यात किया जा सकता है. निर्यात को ‘भारत अनुरूपता मूल्यांकन योजना (I-CAS) – हलाल ऑफ द क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया’ के तहत प्रमाणित सुविधा में उत्पादित, संसाधित और पैक किया जाना चाहिए.
तेजी के साथ बढ़ेगा मीट व्यापार
एक्सपर्ट का कहना है कि वैश्विक हलाल मांस बाजार में ग्रोथ होने की संभावना है, जो उपभोक्ता जागरूकता के विस्तार और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार गतिशीलता के विकास से प्रेरित है. जैसे-जैसे थाईलैंड, भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देश हलाल प्रमाणन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हैं और अपनी निर्यात क्षमताओं को मजबूत करते हैं, बाजार उत्पादकों, खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के लिए पर्याप्त अवसर प्रस्तुत करता है.
व्यापार बढ़ने ये भी होगा फायदा
इस कारोबार में अभी भी ताजा मांस प्रमुख बना हुआ है और पोल्ट्री की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. व्यापक हलाल मांस बाजार धार्मिक और गैर-धार्मिक उपभोक्ताओं से लाभान्वित होता है, जो हलाल उत्पादों को परिभाषित करने वाले स्वच्छ और नैतिक सिद्धांतों से आकर्षित होते हैं. लगातार इनोवेशन, सहयोग और नीति विकास के साथ, हलाल मांस क्षेत्र फलने-फूलने के लिए तैयार है. जिससे वैश्विक बाजारों में आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.
पड़ोसी देश में भी बढ़ा एक्सपोर्ट
भारत में कई निजी कंपनियां हलाल प्रमाणन प्रदान करती हैं, जिनमें भारत में प्रमुख हलाल-प्रमाणन संगठन, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट शामिल हैं. वहीं मलेशिया ने पाकिस्तान की हलाल साख का भी समर्थन किया है और सालाना 200 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के हलाल मांस का आयात करने पर सहमति व्यक्त की है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि देश के हलाल मांस निर्यातक अपने उत्पादों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मलेशिया के हलाल नियमों को पूरा कर सकते हैं.
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