नई दिल्ली. विश्व के हलाल फूड सेक्टर में भारत एक बड़ी दस्तक देने जा रहा है. हलाल प्रोडक्ट की पहली दस्तक मीट बाजार में होगी. दो दिन बाद 16 अक्टूबर से बफैलो (भैंस) का हलाल मीट नई नीतियों के मुताबिक होगा. ये नीतियां देश में बनाई गई हैं. इतना ही नहीं 16 अक्टूबर से हलाल प्रोडक्ट पर लोगो भी नया नजर आएगा. ये लोगो भी देश में ही बनाया गया है. मीट एक्सपोर्ट करने वाले सभी स्लॉटर हाउस के मालिकान को नई नीतियों से अवगत करा दिया गया है.
साथ ही हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाओं के लिए भी नीतियों में बदलाव किया गया है. हलाल मामलों के जानकारों की मानें तो पहले हलाल नीति में भारत सरकार का कोई दखल नहीं था. हलाल प्रोडक्ट से जुड़ी नीतियां और सर्टिफिकेट से जुड़े मामले खरीदार और बेचने वाले खुद आपस में तय करते थे. गौरतलब रहे कि बीते कुछ वक्त पहले देश में हलाल मीट ही नहीं हलाल से जुड़े सभी तरह के प्रोडक्ट को लेकर खासा बवाल हुआ था. कुछ लोगों ने हलाल प्रोडक्ट का बहिष्कार किया था. कई शहरों में दुकान और स्टोर पर छापेमारी भी हुई थी. शायद यही वजह है कि केन्द्र सरकार बीते साल करीब मार्च से हलाल की नीतियों और लोगो पर काम कर रही थी.
I-Cas के बनाए नियमों का करना होगा पालन
इंडिया कनफॉरमेटी असेसमेंट स्कीम (I-Cas), जी हां, एपिडा ने हलाल मीट एक्सपोर्ट करने को लेकर बनाई गई नीति को यही नाम दिया है. अब किसी भी मीट एक्सपोर्ट करने वाले को I-Cas सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा. और ये सर्टिफिकेट जारी करेगी नेशनल एक्रिसडिएशन बोर्ड फॉर सर्टिफिकेशन बॉडीज (NABCB). स्लॉटर हाउस में हलाल के मानकों को परखने वाली संस्था से जुड़े जानकार मोहम्मद मोअज्जम ने बताया कि अभी तक हलाल मीट के कारोबार में नीतियां दूसरे देश की लागू होती थीं. एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी दूसरे देशों के मानकों पर भारतीय संस्थाओं से हलाल सर्टिफिकेट लेकर अरब और दूसरे देशों को मीट एक्सपोर्ट करती थीं. लेकिन अब 16 अक्टूबर से भारत सरकार की बनाई हलाल से जुड़ी नीतियां लागू हो जाएंगी.
भारतीय हलाल प्रोडक्ट का ऐसा होगा लोगो
अभी तक हलाल प्रोडक्ट पर जो लोगो दिखाई देता था वो ज्यादातर हरे रंग का होता था. लेकिन अब भारत से सप्लाई होने वाले हलाल प्रोडक्ट के पैकेट पर नया लोगो दिखाई देगा. हालांकि अभी देश में हलाल के नाम पर सिर्फ बफैलो मीट एक्सपोर्ट करने की ही इजाजत होगी. और अगर लोगो की बात करें तो नेशनल फ्लैग के तीनों कलर को हलाल के लोगों में शामिल किया गया है. लोगो में सबसे ऊपर I-Cas, बीच में सफेद रंग की पट्टी पर इंडिया हलाल और नीचे हरे रंग की पट्टी पर अंग्रेजी में इंडिया कनफॉरमेटी असेसमेंट स्कीम लिखा हुआ है.
तीन साल में 24 हजार से 31 हजार करोड़ का हुआ मीट एक्सपोर्ट
एपीडा के आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन साल में अकेले बफैलो मीट एक्सपोर्ट में 6.5 हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. मात्रा में बात करें तो सवा लाख टन बढ़ गया है. साल 2021-22 में 24 हजार, 613 करोड़ रुपये का मीट एक्सपोर्ट हुआ था. जबकि साल 2023-24 में 31 हजार करोड़ रुपये का मीट एक्सपोर्ट हुआ था. आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में 11 लाख, 75 हजार, 193 टन बफैलो का एक्सपोर्ट हुआ था. वहीं साल 2022-23 में 11 लाख, 75 हजार, 869 टन मीट एक्सपोर्ट हुआ था. लेकिन साल 2023-24 का आंकड़ा खासा चौंकाने वाला है. बीते साल 12 लाख, 95 हजार, 603 टन बफैलो मीट का एक्सपोर्ट भारत से दुनिया के अलग-अलग देशों को हुआ था. इसकी कीमत 31 हजार करोड़ रुपये थी.
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