Home पशुपालन Animal Fodder: कितने तरह का होता है चारे से बना हे, पशुओं के लिए कौन सा है फायदेमंद, जानें यहां
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Animal Fodder: कितने तरह का होता है चारे से बना हे, पशुओं के लिए कौन सा है फायदेमंद, जानें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुओं को सालभर हरे चारे की जरूरत होती है. जबकि पशुपालन में पूरे साल में ज्यादातर वक्त ऐसा आता है जब पशुओं के लिए हरा चारा उपलब्ध नहीं होता है. ऐसे में पशुओं को साइलेज और हे दिया जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुखाये हुए हरे चारे को ‘हे कहते हैं. हे वैज्ञानिक विधि द्वारा इस तरह तैयार की जाती है, जिससे चारे का हरापन बना रहे और तैयार किये जाने के बाद इसके पोषक तत्त्वों में बिना किसी विशेष नुकसान के स्टोर में रखे जा सके. हरे चारे में नमी की मात्रा लगभग 80 प्रतिशत होती है.

उत्तर भारत में ‘हे’ तैयार करने का सही समय मार्च-अप्रैल माना जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि मार्च-अप्रैल में आसमान में धूप अच्छी होती है, आसमान साफ होता है और वायुमंडल में ह्यूमिडिटी भी कम होती है. जिससे चारा जल्दी से सूख जाता है और ‘हे’ तैयार हो जाती है. बताते चलें कि चारा फसलों की श्रेणी के अनुसार ‘हे’ आमतौर तीन प्रकार की होती है. दलहनीय हे, अदलहनीय हे और मिलीजुली हे.

दलहनीय हे
दलहनीय फसलों से तैयार हे कहते हैं. इसकी गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है और दूध उत्पादन करने वाले पशुओं को खिलाने के लिए इसका विशेष महत्त्व है. इस हे में जल्दी से पचने वाला प्रोटीन होता है. यह प्रोटीन अन्य पौधों की प्रोटीन से अच्छी होती है. इसके साथ-साथ हे में कैल्शियम, केरोटीन, विटामिन डी और ई प्रचुर मात्रा में होती है. दलहनीय हे विभिन्न दलहनीय चारा फसलों से बनाई जाती है जैसे लूसर्न, बरसीम, लोबिया, सोयाबीन आदि.

अदलहनीय हे
यह हे चारा घासों आदि से तैयार की जाती है जोकि दलहनीय हे से लो क्वालिटी की होती है. पशु ऐसे हे को कम मात्रा में खाते हैं. इनमें प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन्स कम मात्रा में पाये जाते हैं. इस हे का मेन फायदा यह होता है कि प्रति हेक्टर फसल उत्पादन अधिक पाया जाता है. इसके अलावा जई और जौ से तैयार हे को घास की हे से तुलना कर सकते हैं.

मिलीजुली हे
मिलीजुली है यानि सम्मिश्रित ‘हे’ में दलहनीय और अदलहनीय दोनों प्रकार की चारा फसलों का मिश्रण होता है. इनकी मात्रा के अनुपात के आधर पर सम्मिश्रित ‘हे’ की गुणवत्ता निर्धारित होती है. यदि खाद्यान्न फसलों की कटाई अगेती की जाती है तो उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. ‘हे’ बनाते समय पोषक तत्त्वों की कमी काफी अधिक मात्रा में होती है. इसमें शुष्क पदार्थ का 15.30 प्रतिशत, प्रोटीन का 28 प्रतिशत, कैरोटीन का 10 प्रतिशत तथा ऊर्जा की 25 प्रतिशत कमी होती है.

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