नई दिल्ली. मछली पालन में खास करके किसान अच्छी खासी आमदनी कमा सकते हैं. मछली पालन किसानों की आय को दोगुना करने का एक बेहतरीन जरिया भी है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण इस व्यवसाय की तरफ रोक भी कर रहे हैं और उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है. बताते चलें कि मछली पालन में नई-नई तकनीक आ चुकी है. इस वजह से कम पैसे और कम मेहनत में ज्यादा फायदा मिल रहा है. हालांकि अगर मछली पालन से जुड़े सटीक जानकारी नहीं है तो मछली पालन से उतना फायदा नहीं होगा जितना होना चाहिए. इसलिए इस व्यवसाय को करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूरी है.
मेरठ स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य डिपार्टमेंट के प्रभारी डॉ. डीवी सिंह कहते हैं कि जो भी किसान मछली पालन में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, सबसे पहले उन्हें तालाब खोदवान पड़ता है और इसके लिए कई सावधानी बरतनी पड़ती है. मसलन, जिस स्थान पर तालाब खोदवाना है वहां के संबंधित मत्स्य विभाग के अधिकारी से पहले मिट्टी की जांच जरूर करवा लेना चाहिए. क्योंकि मछली पालन में मिट्टी के जो पोषक तत्व होने चाहिए अगर वह नहीं हैं तो कमाई नहीं की जा सकती है. अगर जांच में 90% तक मिट्टी में 10% रेतीले कंकर हैं ताो उस स्थान पर मछली पालन करने से फायदा होगा.
केमिकल वाला खाना न दें
डॉ. डीवी सिंह का कहना है कि किसी भी प्रकार से केमिकल आधारित भोजन नहीं देना चाहिए. अगर आप मछलियों को बेहतर स्वास्थ्य वृद्धि करना चाहते हैं तो प्राकृतिक तौर पर मछलियों को भोजन उपलब्ध कराना सबसे बेहतर विकल्प है. इसके लिए भोजन बनाते समय 1 किलो राइस ब्रांड, 1 किलो सरसों के खल को अच्छे से मिलाकर तालाब में मछलियों के लिए इस भोजन डाल दें. इस तरह से अगर आप मछली को भोजन उपलब्ध कराएंगे तो वृद्धि भी ज्यादा होगी और मुनाफा भी ज्यादा होगा.
तालाब साफ होना चाहिए
तालाब जितना स्वच्छ रहेगा उतना ही मछली पालन में फायदा मिलेगा. अगर तालाब में कोई जीवाणु रहने लगे तो मछलियों को नुकसान पहुंचाएंगे. इसलिए समय-समय पर जल डालकर मछलियों की ग्रोथ का भी पता करें और कोई समस्या हो तो विशेषज्ञों से जरूर राय लें. अगर एक एकड़ में 50 टन से ज्यादा मछली उत्पादन मिल रहा है तो इसका मतलब है कि आप मछली पालन बेहतर तरीके से कर रहे हैं. अगर 30 से 35 टन है तो मत्स्य पालन विभाग के एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
इन मछलियों को तालाब में पालें
मछली पालन में तालाब के पानी को साफ रखना भी बहुत जरूरी है. मछलियों के बराबर मात्रा में ऑक्सीजन मिले, अगर आक्सीजन की कमी हो जाए तो मोटर लगाकर देना चाहिए. तालाब में आप रोहू, कतला, मृगल कार्प, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प जैसी मछलियों का पालन कर सकते हैं. मछली पालन के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं. मछली पालन की योजनाओं में सब्सिडी का लाभ लेने के लिए मासी विभाग कार्यालय से संपर्क भी किया जा सकता है. सरकार की मदद मिलेगी तो मछली का व्यवसाय चल जाएगा.
Leave a comment