Home मछली पालन Fisheries: कैसे मछली के तालाब से पानी के कीड़ों को करें खत्म, क्या होता है इससे नुकसान, ये भी जानें यहां
मछली पालन

Fisheries: कैसे मछली के तालाब से पानी के कीड़ों को करें खत्म, क्या होता है इससे नुकसान, ये भी जानें यहां

fish market
मछली पालन की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर मिश्रित मछली पालन किया जाए तो इसके जरिए एक तालाब में 1 साल में दो बार उत्पादन लिया जा सकता है. जबकि 1 एकड़ के तलाब में मछली पालन के माध्यम से 16 से 20 साल तक उत्पादन हासिल होता रहता है. अगर इसे पैसों में कन्वर्ट किया जाए तो इससे किसान हर साल 5 से 8 लाख रुपये की कमाई कर सकता है. अगर किसान इस कार्य को करते हैं तो उनकी आय बढ़ सकती है. जबकि ग्रामीण इलाकों में मछली पालन को आसानी से भी किया जा सकता है और बहुत से​ किसान इसे कर भी रहे हैं.

एक्सपर्ट का कहना है वैसे तो मछली पालन बेहतर व्यवसाय है लेकिन कई ऐसी बाते हैं, जिनपर ध्यान न देने की वजह से मछली पालन में नुकसान हो सकता है. मसलन जब मछली पालने के लिए उसमें फिंगर्स डाले जाएं तो इसे जलीय कीड़ों से बहुत नुकसान होता है. जलीय कीड़े इन मछलियों के बीज को खा जाते हैं. इसके चलते मछली पालन में शुरुआत में ही बड़ा नुकसान उठाना पड़ जाता है. ऐसे में जलीय कीड़ों को तालाब से खत्म करना बेहद अहम काम है मछली पालन में. आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि किस तरह से जलीय कीड़ों को खत्म किया जाए आइए इस आर्टिकल में जानते हैं.

जल के कीड़ों को कैसे खत्म किया जाए

  1. महीन जालीदार टाना जाल तालाब में जीरा संचय करने से पहले बराबर चलाकर कीड़ो का को खत्म किया जा सकता है.
  2. जीरा संचय से 12-25 घंटे पहले 56 किलोग्राम सस्ते वनस्पति तेल तथा 18 किलोग्राम कपड़ा धोने का सस्ता साबुन का घोल प्रति हेक्टेयर की दर से तालाब में छिड़काव करने से कीड़ो की मौत हो जाती हैं.
  3. डीजल इमल्सीफायर का इस्तेमाल: एक लीटर डीजल 0.75 मि.ली. डाईऑक्साइड तथा 40 मि.ली. जल लेकर घोल तैयार कर लिया जाता है. 1040.75 मिली घोल लेकर प्रति 200 वर्ग लीटर जलक्षेत्र की दर से छिड़काव किया जाता है.
  4. तारपीन के तेल का छिड़काव:- 75 ली./हे. की दर से तारपीन के तेल की छिड़काव करने से जलीय बग मर जाते हैं. यह तेल जीरों के लिए नुकसानदेह नहीं है.

जलीय कीड़ो का उन्मूलनः
एक्सपर्ट का कहना है कि संचित तालाब में जलीय कीड़े जीरों को खाने से नही चुकते हैं. इसके चलते उत्पादन पर प्रतीकूल प्रभाव पड़ता है. इन्हें निम्न विधियों द्वारा निकाला जा सकता है. बताते चलें कि जलीय कीट या जलीय कीट अपने जीवन चक्र का कुछ भाग पानी में रहते हैं. वे अन्य कीड़ों की तरह ही भोजन करते हैं. कुछ गोताखोरी कीड़े, जैसे शिकारी गोताखोरी भृंग , पानी के भीतर भोजन की तलाश कर सकते हैं जहां भूमि पर रहने वाले कीड़े प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

State Fisheries Officials provided updates on the status, progress, and key challenges in promoting inland saline and shrimp aquaculture.
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की योजना, पढ़ें इसके फायदे

जिससे इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादकता तथा किसानों के...

The Department of Fisheries organized the Startup Conclave 2.0 to promote innovation in the fisheries sector.
मछली पालन

Fish Farming: मछली के शरीर पर है लाल रंग का धब्बा तो हो जाएं अलर्ट, इस खतरनाक बीमारी का है ये लक्षण

इस रोग से प्रभावित होने वाली प्रमुख प्रजातियां गरई, भाकुर, रोहू, कवई,...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन की इस योजना का फायदा उठाकर शुरू करनें अपना बिजनेस

बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में...